नौकरी दिलाने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में दो गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज } : दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर एक ऑनलाइन नौकरी ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। आरोप है कि दोनों ने रोजगार दिलाने के नाम पर कई लोगों को ठगा। पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान मोहम्मद अकबर (32), निवासी गढ़ी, और रूपेंद्र कुमार (36), निवासी द्वारका, के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि रूपेंद्र के खिलाफ दिल्ली में लूट और आर्म्स एक्ट के दो मामले दर्ज हैं। मामला तब सामने आया जब रोहिणी की रहने वाली एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि नौकरी सलाहकार बनकर ठगने वाले व्यक्ति ने 39,498 रुपये का चूना लगाया। डीसीपी (आउटर नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी ने बताया कि ठग ने महिला को पैनल एडवोकेट की नौकरी का प्रस्ताव दिया और रजिस्ट्रेशन व दस्तावेज़ सत्यापन के नाम पर पैसे मांगे।
शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। जांच के दौरान, पुलिस ने बैंक खाता विवरणों का विश्लेषण किया और पाया कि ठगी की राशि दो खातों में ट्रांसफर की गई थी — एक अकबर के नाम पर और दूसरा संजय अहिरवाल के नाम पर। पैसे के लेनदेन की जांच और तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस ने अकबर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने सहयोगियों रूपेंद्र कुमार और संजय अहिरवाल के नाम उजागर किए। अकबर ने आगे बताया कि वे प्रद्युमन पांडे नामक व्यक्ति के इशारे पर काम कर रहे थे, जो इस गिरोह का कथित मास्टरमाइंड है।
पुलिस ने बताया कि रूपेंद्र एक समन्वयक के रूप में काम करता था और स्थानीय संपर्कों के जरिये कई बैंक खाते 10 प्रतिशत कमीशन पर खुलवाता था। अकबर ने अपने खाते में ठगे गए पैसे रखे, जिन्हें बाद में विभिन्न चैनलों से ट्रांसफर और निकाल लिया जाता था ताकि लेनदेन का पता न चल सके।
उनके पास से दो मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, चेकबुक और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी और सबूत इकट्ठा करने के लिए आगे की जांच जारी है।

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