सेना प्रमुखों के बयान

संपादकीय { गहरी खोज }: वार्षिक वायुसेना दिवस पर वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा अपने ठिकानों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानांतरित करने के बारे में कहा कि यह अपेक्षित था और भारतीय वायुसेना उनके ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने के लिए अंदर तक जाकर हमला कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘रोडमैप 2047’ के तहत अपनी लड़ाकू क्षमता का विस्तार करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है और अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए अगले दो दशक तक बल को हर साल लड़ाकू जेट सहित 35 से 40 नए विमानों की आवश्यकता होगी। विभिन्न सवालों के जवाब में उन्होंने खुफिया रिपोर्टों और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से एकत्र किए गए सबूतों का हवाला देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्ट से हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इन हमलों के कारण, कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमान और नियंत्रण केंद्र, दो जगहों पर रनवे और फिर तीन अलग-अलग स्टेशन पर उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक सी-130 श्रेणी के विमान, एक प्रारंभिक चेतावनी व नियंत्रण प्रणाली श्रेणी के विमान और कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमानों, जिनमें संभवतः एफ-16 शामिल हैं, को नुकसान पहुंचने के संकेत मिले हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाले लंबी दूरी के हमले के स्पष्ट सबूत हैं, जिसमें एफ-16 और जेएफ-17 श्रेणी के पांच आधुनिक लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया गया। एक हैंगर में पाकिस्तान के एफ-16 विमान को नुकसान पहुंचने की खबरें थीं, लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय वायुसेना ने अमेरिका निर्मित विमान को निशाना बनाने की पुष्टि की। जेएफ 17 एक चीनी विमान है। वायुसेना प्रमुख द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, पाकिस्तान ने 12 से 13 विमान खोए हैं।
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले में अनूपगढ़ में सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि भारत एक देश के तौर पर इस बार पूरी तरह तैयार है और वह ‘आपरेशन सिंदूर’ 1.0 के दौरान दिखाए गए संयम का परिचय इस बार नहीं देगा। इस बार हम एक कदम आगे बढ़ेंगे और इस तरह से काम करेंगे कि पाकिस्तान यह सोचने पर मजबूर हो जाएगा कि वह दुनिया के नक्शे पर बना रहना चाहता है या नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पाकिस्तान दुनिया के नक्शे पर अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे सरकार प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा। सेना प्रमुख ने सैनिकों से कहा कि अभी से पूरी तरह तैयार रहो, अगर ईश्वर ने चाहा तो जल्द ही मौका आएगा। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों की मौजूदगी के सबूत दिए। अगर भारत ने ये सबूत उजागर नहीं किए होते तो पाकिस्तान ये सब छिपा लेता। सेना प्रमुख ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया तो पूरी दुनिया उसके साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर नौ ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें से सात को थलसेना और दो को वायुसेना ने निशाना बनाया। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हमने ठिकानों की पहचान इसलिए की थी क्योंकि हम केवल आतंकवादियों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। हमारा लक्ष्य उनके ठिकानों पर हमला करना था। हमें आम पाकिस्तानी नागरिकों से कोई शिकायत नहीं है, बशर्ते उनका देश आतंकवादियों को प्रायोजित न करे।
भारतीय सेना के प्रमुखों द्वारा दिए गए उपरोक्त बयानों से पाकिस्तान द्वारा ‘आपरेशन सिंदूर’ को लेकर जो झूठ बोले जा रहे हैं व उसके कारण जो भ्रम-भ्रांतियां फैली उन सब का जवाब दे दिया गया है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान को चेतावनी भी दे दी है कि अगर भविष्य में उसने कोई शरारत की तो उसे मुंह तोड़ जवाब मिलेगा। पाकिस्तान जब से अस्तित्व में आया है वह भारत विरुद्ध ही
चलता रहा है। पाकिस्तान की नकारात्मक सोच का ही परिणाम है कि पाकिस्तान आज अराजकता के भंवर में फंसा है। अगर पाकिस्तान नकारात्मक सोच और भारत विरोध को नहीं छोड़ता तो एक दिन वह अराजकता के भंवर में डूब जाएगा।
भारत एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है, वह पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन ताली एक हाथ से नहीं बजती। पडोसी देशों को भी भारत प्रति सकारात्मक सोच रखनी होगी तभी क्षेत्र में शांति व खुशहाली होगी।