दिल्ली में लाल चंदन तस्करी का भंडाफोड़, 6 करोड़ के 10 टन चंदन की लकड़ी बरामद, दाे गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 टन लाल चंदन की तस्करी का पर्दाफोड़ किया है। बरामद चंदन कीकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति से यह खेप दिल्ली लाई जा रही थी। पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।
दक्षिण पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त डाॅ. हेमंत तिवारी ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और आंध्र प्रदेश इंटेलिजेंस टीम की संयुक्त मुहिम के तहत की गई। टीम ने सोमवार को तुगलकाबाद गांव स्थित गोदाम में छापा मारा, जहां से करीब 10 टन लाल चंदन बरामद किया गया। यह लकड़ी ट्रक में छिपाकर तिरुपति से दिल्ली लायी गई थी।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अगस्त में आंध्र प्रदेश के तिरुपति थाने में लाल चंदन की चोरी का मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान पकड़े गए कुछ आरोपितों ने खुलासा किया कि लकड़ी की बड़ी खेप दिल्ली भेजी जा चुकी है। इस सूचना पर आंध्र प्रदेश पुलिस और दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने मिलकर संयुक्त टीम बनाई और मुखबिरों की मदद से दिल्ली में छापेमारी की योजना बनाई। 6 अक्टूबर को की गई कार्रवाई में पुलिस ने दो तस्करों इरफान और अमित को गिरफ्तार किया। दोनों की निशानदेही पर तुगलकाबाद के गोदाम से लाखों रुपये की कीमत का लाल चंदन बरामद किया गया।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह में आंध्र प्रदेश से यह लकड़ी अवैध रूप से खरीदी थी और ट्रक में छिपाकर दिल्ली पहुंचाई। उनका इरादा इसे चीन और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भेजने का था। जहां लाल चंदन अपनी औषधीय और दुर्लभ लकड़ी की मांग के कारण बेहद महंगा बिकता है। जांच में पता चला है कि आरोपितों में से इरफान पहले भी साल 2023 में तिरुपति पुलिस द्वारा इसी अपराध में पकड़ा जा चुका है। जबकि अमित संपत पवार पहली बार इस तस्करी में शामिल पाया गया है। दोनों तस्कर इस काम को अपनी आजीविका का साधन बना चुके थे।
पुलिस ने बरामद लाल चंदन को जब्त कर लिया है और आगे इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में फैले इस तस्करी रैकेट का उद्देश्य लकड़ी को विदेशों में ऊंचे दामों पर बेचना था।

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