उत्तर बंगाल के बाढ़ग्रस्त इलाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने संकटमोचक

कोलकाता{ गहरी खोज }: लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने उत्तर बंगाल के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अनेक क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई घर जलमग्न हो चुके हैं और सड़कों पर आवाजाही ठप पड़ गई है। इस प्राकृतिक आपदा में जब प्रशासन राहत कार्य में जुटा है, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक त्वरित रूप से राहत और बचाव कार्य में सक्रिय हो गए हैं।
जैसे ही खबर आई कि जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, मालबाज़ार और दार्जिलिंग के तराई इलाकों में लोग बाढ़ और बारिश से बुरी तरह प्रभावित हैं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बिना किसी देरी के राहत सामग्री लेकर क्षेत्र पर पहुंच गए। स्वयंसेवकों ने प्रभावित इलाकों में जाकर, खाद्य सामग्री, पीने का पानी, कंबल, दवाइयाँ, और अन्य आवश्यक वस्तुएं जरूरतमंदों तक पहुँचाई।
कई जगहों पर वे प्रशासन और स्थानीय नागरिक रक्षा बलों के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य भी कर रहे हैं। विशेषकर निचले इलाकों में बाढ़ के पानी में फंसे बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से सैकड़ों स्वयंसेवक राहत अभियान में शामिल हैं। स्वयंसेवकों ने कहा कि “यह मानवता की सेवा का समय है — जब देश का कोई हिस्सा संकट में हो, तो हर स्वयंसेवक का कर्तव्य है कि वह निस्वार्थ भाव से लोगों के बीच पहुंचे।”
स्थानीय लोगों ने संघ के इस मानवीय प्रयास की सराहना की है। कई पीड़ित परिवारों ने बताया कि प्रशासनिक मदद के साथ-साथ संघ के स्वयंसेवकों ने भी समय पर भोजन और आवश्यक वस्तुयें पहुंचा कर जीवनरक्षक की भूमिका निभाई है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में जलपाईगुड़ी के मटियाली और मेखलिगंज, कूचबिहार के तुफानगंज, और अलीपुरद्वार के बारोबिशा क्षेत्र शामिल हैं, जहां जलस्तर अब भी खतरे के निशान के आसपास है।