गुरु गोबिंद सिंह की पादुकाएं ‘जोड़े साहिब’ अब तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा को सौंपी जाएंगी

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह और माता साहिब कौर की पवित्र पादुकाएं ‘जोड़ेे साहिब’ अब उनके जन्मस्थान तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा को सौंपी जाएंगी। पिछले 300 साल से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का परिवार गुरु की पादुकाओं की सेवा कर रहा था।
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही ने शनिवार को यहां एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली से पटना तक ‘जोड़े साहिब’ को श्रद्धा के साथ लेकर जाने के लिए एक भव्य नगर कीर्तन यात्रा आयोजित की जाएगी।
पुरी ने बताया कि उनके परिवार को तीन सौ वर्ष पूर्व स्वयं गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी से इन पवित्र अवशेषों की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनके पूर्वज गुरु महाराज की प्रत्यक्ष सेवा में थे और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर गुरु साहिब ने परिवार को इन पादुकाओं की सेवा और संरक्षण की आज्ञा दी थी। पुरी ने कहा कि उनके चचेरे भाई और अंतिम संरक्षक सरदार जसमी्त सिंह पुरी के निधन के बाद परिवार ने निर्णय लिया कि ‘जोड़े साहिब’ को अब ऐसे स्थान पर रखा जाए, जहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु मत्था टेक सकें। इसके बाद संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से इन अवशेषों की बारीकी से जांच कराई गई। कार्बन-14 परीक्षण से इनकी प्राचीनता और प्रामाणिकता की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह बहुत ही ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक मूल्य का अवशेष है इसलिए सांस्कृतिक मंत्रालय ने कार्बन-14 परीक्षण करवाया। इतिहासकार के निष्कर्षों से पता चलता है कि जोड़े साहिब एक प्रामाणिक वस्तु है जो पिछले तीन शताब्दियों से लाखों भक्तों के बीच श्रद्धा की वस्तु बनी हुई है। समिति की राय थी कि गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान पटना साहिब था, इसलिए अनुरोध है कि पटना साहिब गुरुद्वारा उनकी सेवा करे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पुरी के परिवार ने गत माह इन जोड़े साहिब का संरक्षण और सार्वजनिक प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए इन्हें सिख संगत को सौंपने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की समिति ने सिफारिश की कि गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान पटना साहिब में इन पवित्र पादुकाओं का संरक्षण और प्रदर्शन किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गत माह उनके जन्मदिन के मौके पर यह सिफारिशें सौंपी गईं थीं। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ‘जोड़े साहिब’ केवल सिख इतिहास का नहीं बल्कि भारत की महान आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि इन पावन अवशेषों के संरक्षण और प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देगी। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं देश को साहस, धर्मनिष्ठा और एकता का मार्ग दिखाती हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा सिख परंपरा और गुरु साहिबानों की शिक्षाओं के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की है। पिछले 11 वर्षों में सिख समुदाय से जुड़े कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं, जिनसे धार्मिक स्थलों का विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
पुरी ने बताया कि इसके लिए जल्द ही एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें नगर कीर्तन के माध्यम से इन जोड़ों को दिल्ली से पटना तक ले जाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें नगर कीर्तन के माध्यम से इन जोड़ों को दिल्ली से पटना तक ले जाया जाएगा।

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