आजादी के बाद कांग्रेस खादी को भूल गयी, मोदी सरकार ने उसे पुनर्जीवित किया: अमित शाह

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रोहतक{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस आजादी के बाद खादी को भूल गई जबकि उनकी सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया और इसी का प्रतिफल है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का कारोबार 2014-15 के 33,000 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 1.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने यहां ‘खादी कारीगर महोत्सव’ के दौरान कहा कि देश में कई कंपनियों का इतना बड़ा कारोबार नहीं है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उसने खादी पर ध्यान नहीं दिया और इसके प्रचार-प्रसार के लिए कुछ नहीं किया।’’ नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा खादी के प्रचार-प्रसार के लिए उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में जो काम किया गया है अगर वह आजादी के बाद किया गया होता तो हमारे देश को बेरोजगारी की समस्या का सामना कभी नहीं करना पड़ता। शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गरीबी दूर करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी के क्षेत्र में जो शुरुआत की उसने देश के लाखों बुनकरों के जीवन को बदल दिया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए ‘खादी मंत्र’ ने स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘‘लेकिन इसके बाद, कांग्रेस खादी को भूल गई…।’’ उन्होंने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने खादी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि बाद में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को खादी का उपयोग करने का संदेश दिया। शाह ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वर्तमान कारोबार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ और परिणाम आपके सामने है।’’ उन्होंने कहा कि खादी के विपणन और पैकेजिंग की एक अच्छी व्यवस्था बनाई गई और लोगों को प्रेरित किया गया।
शाह ने कहा कि जब हम खादी पहनते हैं, तो यह केवल एक पोशाक नहीं होती, बल्कि ‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की भावना होती है। इस अवसर पर, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में 2,200 से अधिक कारीगरों को ‘टूल किट (संबंधित औजार) प्रदान किए गए। यह कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा आयोजित किया गया था और इसकी ध्येयवाक्य ‘स्वदेशी से स्वावलंबन’ था। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर आधुनिक मशीनरी और टूल किट वितरण के साथ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत ‘मार्जिन मनी’ के रूप में 301 करोड़ रुपये भी वितरित किए गए।

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