ग्रीन अरावली अभियान में हर रविवार एक घंटा योगदान दें गुरुग्रामवासी: भूपेंद्र यादव

- राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह समारोह 2025 का गुरुग्राम में शुभारंभ
- मानेसर में अरावली क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने की शिरकत
- नमो वन में पौधारोपण कर 500 एकड़ में वृक्षारोपण अभियान का किया शुभारंभ
गुरुग्राम{ गहरी खोज }: गुरुवार को यहां राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह समारोह 2025 की शुरुआत हुई। वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता सुरक्षा और पर्यावरण जागरुकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय कार्यक्रम मानेसर स्थित अरावली क्षेत्र में राम मंदिर परिसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने की।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने समारोह में अपने संबोधन में गुरुग्रामवासियों से आह्वान किया कि वे हर रविवार सुबह कम से कम एक घंटे अपने समय का योगदान अरावली के ग्रीन अरावली अभियान में दें। उन्होंने कहा कि इस छोटे प्रयास से पूरे शहर में हरियाली बढ़ाने, प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक इस अभियान में नियमित रूप से भागीदारी निभाए तो गुरुग्राम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक हरा-भरा, स्वच्छ और विकसित शहर बनने की दिशा में अग्रसर होगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घरों, मोहल्लों और स्कूलों के आस-पास के खाली स्थानों में पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सिर्फ वृक्षारोपण का कार्य नहीं है, बल्कि समाज और प्रकृति के बीच एक मजबूत जुड़ाव और जिम्मेदारी का संदेश भी है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के नागरिक सामूहिक रूप से इस अभियान में भाग लेंगे, तो यह शहर भारत का मॉडल शहर बनकर उभरेगा, जहां हरियाली, स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा का आदर्श स्थापित होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि यह प्रयास केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए भी पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छ जीवन सुनिश्चित करने का माध्यम बने।
कार्यक्रम के दौरान मानेसर स्थित शनि मंदिर परिसर में अरावली स्पीशीज नर्सरी का शिलान्यास भी किया गया। यह नर्सरी अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थानीय प्रजातियों के पौधों और वृक्षों की पैदावार, संरक्षण और पुन:रोपण के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगी। यहां उगाए गए पौधे ग्रीन अरावली अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। जिससे न केवल हरा-भरा वातावरण बनेगा, बल्कि वन्य जीवों के लिए आश्रय और जैव विविधता का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।