पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र का निधन

0
images (1)

मिर्जापुर/वाराणसी{ गहरी खोज }: प्रख्यात शास्त्रीय गायक और पद्मविभूषण से सम्मानित पं. छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद मिर्जापुर में निधन हो गया। वह अपनी बेटी नम्रता मिश्र के साथ मिर्जापुर स्थित आवास पर रह रहे थे।
नम्रता मिश्र ने बताया कि अंतिम संस्कार गुरुवार शाम को काशी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पं. मिश्र पिछले कई महीनों से अस्वस्थ थे। 11 सितंबर को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मिर्जापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य में सुधार न होने पर चिकित्सकों ने उन्हें बीएचयू रेफर किया।
13 से 27 सितंबर तक बीएचयू में उनका इलाज चला। स्वास्थ्य में सुधार के बाद उन्हें मिर्जापुर लाया गया था। बीएचयू की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पं. मिश्र टाइप-2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और फेफड़ों के संक्रमण सहित कई बीमारियों से पीड़ित थे।
पं. छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ के हरिहरपुर गांव में हुआ था। उनके दादा गुदई महराज प्रख्यात तबला वादक थे, जबकि पिता बद्री प्रसाद मिश्र संगीत के विद्वान थे। पं. मिश्र ने अपने पिता और उस्ताद अब्दुल गनी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी। वह ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी और भजन गायन के लिए विख्यात थे। उनका होली गीत ‘खेले मसाने में होली’ विशेष रूप से लोकप्रिय रहा।
पं. मिश्र को 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2021 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *