महिलाओं के प्रति अपराध में न्यूनतम, सजा दिलाने में नम्बर वन है उत्तर प्रदेश : योगी

गोरखपुर { गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समस्त प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की महानवमी एवं बृहस्पतिवार को मनाये जाने वाले विजयदशमी पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि नारी शक्ति के बगैर संसार की कल्पना ही नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आबादी के दृष्टिकोण से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध न्यूनतम है तथा दोषसिद्धि एवं सजा में भी यह राज्य अग्रणी है। एक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्मावलंबी वर्ष में दो बार शारदीय और वासंतिक नवरात्र में जगतजननी मां भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन करते हैं तथा मातृ शक्ति एवं नारी शक्ति के प्रति आस्था का यह पर्व उन्हें नयी प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री के स्वरूप के पूजन के साथ कन्या पूजन का अनुष्ठान हो रहा है तथा उनका सौभाग्य है कि गोरक्षपीठ की पवित्र परंपरा के अनुसार उन्हें भी कन्या पूजन का अनुष्ठान करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन आस्था में नारी शक्ति को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है तथा उनकी सरकार नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्र की पहली तिथि, 22 सितंबर से मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ किया गया है जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और उनके स्वावलंबन के लिए पंचायत स्तर तक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत सभी जिलों में सराहनीय कार्य हो रहे हैं एवं मिशन शक्ति सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ जहां बेटी सुरक्षित और सम्मानित होती है, वहां का समाज भी सुरक्षित और सम्मानित माना जाता है। उत्तर प्रदेश में ऐसा ही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना, कन्या सुमंगला और सामूहिक विवाह जैसी योजनाएं बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए हैं।’’ उन्होंने देश की सर्वोच्च पंचायत संसद में नारी शक्ति का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन कानून बनाये जाने का स्वागत किया।