भारत का एसीसी कार्यालय में मेरे से एशिया कप लेने के लिए स्वागत है: मोहसिन नकवी

दुबई { गहरी खोज }: एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने बुधवार को कहा कि भारतीय टीम का यहां एसीसी के मुख्यालय से उनसे एशिया कप की ट्रॉफी लेने के लिए ‘स्वागत’ है। यह बयान उन्होंने तब दिया जब चैंपियन टीम को शीर्ष पुरस्कार नहीं मिलने पर विवाद जारी है।
नकवी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने मंगलवार को एसीसी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों से रविवार को पुरस्कार वितरण समारोह में अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी थी। उस समय भारतीय टीम ने उनसे ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था और वह ट्रॉफी लेकर चले गए थे। नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष और अपने देश के गृह मंत्री भी हैं और उनका भारत विरोधी राजनीतिक रुख जगजाहिर है। नकवी ने लिखा, ‘‘एसीसी अध्यक्ष के तौर पर मैं उसी दिन ट्रॉफी सौंपने को तैयार था और अब भी तैयार हूं। अगर वे सच में इसे चाहते हैं तो एसीसी कार्यालय आने के लिए उनका स्वागत है और वे इसे मेरे से ले सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह साफ कर देना चाहता हूं: मैंने कुछ गलत नहीं किया और मैंने बीसीसीआई से कभी माफी नहीं मांगी और ना ही कभी मांगूंगा।’’ आशीष शेलार और राजीव शुक्ला ने एसीसी की एजीएम में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व किया था जहां उन्होंने सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम को ट्रॉफी नहीं देने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। नकवी ने मंगलवार को बीसीसीआई अधिकारियों से कहा था कि वह ट्रॉफी भारतीय टीम को देने के लिए तैयार हैं। हालांकि एजीएम में इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया जिससे बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी और नाराज हो गए।
बीसीसीआई इस मामले को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने रखेगा जिसकी बैठक नवंबर में होगी। टूर्नामेंट में दोनों टीम के बीच तीन मैच हुए जिसमें भारत ने फाइनल सहित सभी मैच जीते। इस दौरान भारत ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ ‘हाथ नहीं मिलाने की नीति’ अपनाई जिससे पीसीबी नाराज हो गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव चरम पर है। पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमा पार आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए सैन्य कार्रवाई शुरू की।