कलश विसर्जन कब और कैसे करें? जानिए घट विसर्जन की सही विधि, मुहूर्त और मंत्र

धर्म { गहरी खोज } : नवरात्रि के पहले दिन घर में कलश स्थापना की जाती है तो आखिरी दिन इस कलश का विधि विधान विसर्जन किया जाता है। कोई नवमी की पूजा के बाद कलश विसर्जन कर देता है तो कोई ये काम दशमी तिथि को यानी दशहरा के दिन करता है। कलश विसर्जन को घट विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। जो लोग नवमी के दिन कलश विसर्जन करते हैं वो ये काम 1 अक्टूबर 2025 को करेंगे तो वहीं जो लोग दशमी के दिन घट विसर्जित करते हैं वे 2 अक्टूबर 2025 को विसर्जन का कार्य करेंगे। चलिए आपको बताते हैं कलश विसर्जन की संपूर्ण विधि, मंत्र और मुहूर्त समेत।
कलश विसर्जन कब किया जाएगा 2025
नवरात्रि में कलश विसर्जन नवमी और दशमी दोनों ही तिथियों को किया जाता है। जो लोग नवमी के दिन ये कार्य करते हैं वे 1 अक्टूबर को कलश विसर्जन करेंगे तो वहीं जो लोग दशमी को ये काम करते हैं वे 2 अक्टूबर 2025 को घट विसर्जन करेंगे। लेकिन विशेष रूप से कलश विसर्जन दशहरा के दिन ही किया जाता है।
कलश विसर्जन मुहूर्त 2025
नवमी को कलश विसर्जन करने वाले कन्या पूजन के बाद कभी भी कलश विसर्जन कर सकते हैं। वहीं जो लोग दशमी को ये काम करते हैं उनके लिए कलश विसर्जन का मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 को 06:15 ए एम से 08:37 ए एम तक रहेगा।
कलश विसर्जन मंत्र
कलश उठाते समय इस मंत्र को बोलना है…
‘आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। फिर ‘ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’
कलश विसर्जन की विधि
सबसे पहले कलश के ऊपर रखा हुआ नारियल उठाएं। फिर उसे प्रसाद स्वरूप सभी में बांट दें।
इसके बाद कलश के जल को कलश पर लगाए गए पत्तों से पूरे घर में और परिवार के लोगों पर भी छिड़क दें।
फिर बचे हुए जल को तुलसी को छोड़कर किसी भी पेड़ में डाल दें।
फिर कलश के नीचे बोए गए जौ को उस स्थान पर रखें जहां आपने पैसा या कीमती सामान रखा है। कहते हैं इससे धन-धान्य में वृद्धि होने लगती है।
साल भर तक जौ को घर में ही रखे रहें। इसके बाद उसे किसी नदी या सरोवर में विसर्जित कर दें।
इसके अलावा कुछ जवारे अपने पर्स में भी रख लें।
नवरात्रि पूजा में इस्तेमाल की गई सभी पूजन सामग्री को पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।