महानवमी की पूजा विधि क्या है? यहां जानिए हवन पूजन से लेकर कन्या पूजन तक की संपूर्ण जानकारी

धर्म { गहरी खोज } : नवरात्रि पर्व का समापन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ होता है। इस साल नवरात्रि की नवमी 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ हवन पूजन भी करते हैं और साथ ही कन्या पूजन भी किया जाता है। नवरात्रि की नवमी को कहीं महानवमी तो कहीं दुर्गा नवमी के नाम से मनाया जाता है। इस दिन सरस्वती बलिदान आयुध पूजा दुर्गा बलिदान इत्यादि पर्व भी मनाए जाते हैं। चलिए जानते हैं नवरात्रि की नवमी की संपूर्ण पूजा विधि।
नवरात्रि नवमी पूजा मुहूर्त 2025
महा नवमी – 1 अक्टूबर 2025, बुधवार
नवमी तिथि प्रारम्भ – 30 सितम्बर 2025 को 06:06 पी एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – 01 अक्टूबर 2025 को 07:01 पी एम बजे
लाभ – उन्नति – 06:14 ए एम से 07:43 ए एम
अमृत – सर्वोत्तम – 07:43 ए एम से 09:12 ए एम
शुभ – उत्तम – 10:41 ए एम से 12:10 पी एम
लाभ – उन्नति – 04:38 पी एम से 06:07 पी एम
नवरात्रि नवमी हवन मुहूर्त 2025
नवरात्रि प्रातः हवन मुहूर्त – 06:14 ए एम से 06:07 पी एम (हवन विधि, मंत्र और सामग्री लिस्ट जानने के लिए यहां क्लिक करें)
नवरात्रि नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2025
नवरात्रि की नवमी पर कन्या पूजन हवन पूजन के बाद कभी भी किया जा सकता है। (कन्या पूजन की विधि और सामग्री लिस्ट जानने के लिए यहां क्लिक करें)
नवरात्रि नवमी पूजा विधि
पूजा के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं। सबसे पहले हवन की तैयारी करें।
हवन की सामग्री पहले ही एकत्रित करके पूजा स्थान पर रख लें।
फिर परिवार के साथ मिलकर हवन में आहुति दें।
हवन करने के बाद मां सिद्धिदात्री या मां अंबे की विधि विधान पूजा करें।
माता के मंत्रों का जाप करें।
उन्हें भोग अर्पित करें। अंत में आरती करें।
माता की पूजा के बाद कन्या पूजन करें।
इस दिन कन्याओं को हलवा, पूरी, चना और उपहार भेंट किए जाते हैं।
कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण कर लें।
जो लोग दशमी के दिन व्रत खोलते हैं वे अपनी परंपरा के अनुसार उसी दिन व्रत का पारण करें।