जीएसटी सुधारों से बाजार में खरीद बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी :पंकज चौधरी

इंदौर{ गहरी खोज } : वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को भरोसा जताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रणाली में हाल में सुधारों से बाजार में खरीद बढ़ेगी जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। चौधरी ने जीएसटी सुधारों को लेकर स्थानीय कारोबारियों, उद्यमियों और कर विशेषज्ञों के साथ इंदौर में संवाद किया। उन्होंने इस मौके पर कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि जीएसटी सुधारों से आम लोगों के हाथों में जब अतिरिक्त धन आएगा, तो इससे बाजार में निश्चित तौर पर खरीद बढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।’’ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जीएसटी प्रणाली 2017 में पेश की गई थी, लेकिन इसके प्रयास 10 साल पहले से चल रहे थे।
वित्त राज्य मंत्री ने कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘तब की सरकार को जीएसटी प्रणाली पेश करने में सफलता प्राप्त नहीं हो रही थी क्योंकि लोगों को उस सरकार पर विश्वास नहीं था। तत्कालीन सरकार की विश्वसनीयता में कमी के कारण वह राज्य सरकारों को जीएसटी प्रणाली के लिए राजी नहीं कर पा रही थी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस पूर्ववर्ती सरकार के राज के दौरान कर प्रणाली में अलग-अलग गड़बड़ियां होती थीं और उद्योग-व्यापार जगत को कई झंझटों का सामना करना पड़ता था।
वित्त राज्य मंत्री ने करों के बारे में विशिष्ट जानकारी दिए बगैर कहा,‘‘उस वक्त आपको (उद्योग-व्यापार जगत) औसत आधार पर लगभग 15 प्रतिशत कर अदा करने पड़ते थे, लेकिन 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू किए जाने के बाद यह कर अदायगी घटकर 11 से 11.50 प्रतिशत रह गई। जीएसटी सुधारों के असर के बारे में अगले चार-छह महीनों के बाद पता चलेगा और अभी हम कुछ भी नहीं कह सकते, लेकिन अनुमान है कि यह कर अदायगी और घटकर आठ से नौ प्रतिशत रह जाएगी।’’
चौधरी ने कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं के साथ बातचीत की। इस दौरान जीएसटी सुधारों से राज्यों का कर राजस्व घटने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,‘‘सरकार का काम केवल राजस्व इकट्ठा करना नहीं है। सरकार का काम आम जन को राहत देना भी है। इसे (जीएसटी सुधारों को) हम राजस्व घाटा नहीं कहेंगे। हमने इसके जरिये जनता को लाभ प्रदान किया है।’’
उन्होंने कहा,‘‘जीएसटी कटौती से होने वाली बचत के जरिये आम लोगों के हाथों में अतिरिक्त धन आएगा। इससे बाजार में खरीद बढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। इससे अनुमान है कि (राज्यों के कर राजस्व में आशंकित कमी की) भरपाई हो जाएगी।’’ वित्त राज्य मंत्री ने स्थानीय कारोबारियों, उद्यमियों और कर विशेषज्ञों से विस्तृत संवाद के बाद कहा कि उनके सुझावों पर सरकार और जीएसटी परिषद के जरिए विचार किया जाएगा और इसके बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।