करूर भगदड़ की दुखद घटना को लेकर अफवाह न फैलाएं: स्टालिन

चेन्नई{ गहरी खोज }: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने करूर में हुई भगदड़ की दुखद घटना पर सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने को लेकर सोमवार को लोगों को चेताया और कहा कि सभी को जिम्मेदारी पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। स्टालिन ने कहा कि 27 सितंबर को भगदड़ में 41 लोगों की मौत होना बहुत दुखद है और इसके पीड़ितों को किसी पार्टी विशेष से जुड़े लोगों के बजाय साथी तमिलों के रूप में देखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ खाते पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘करूर में जो हुआ वह एक बड़ी त्रासदी थी। इस अपार दुख के कारण मेरा हृदय द्रवित है। सूचना मिलते ही ज़िला प्रशासन को तुरंत सक्रिय किया गया और मैं चेन्नई में नहीं ठहरा। मैं पीड़ितों को सांत्वना देने के लिए तुरंत करूर रवाना हो गया।’’
सोशल मीडिया पर इस संबंध में की जा रही पोस्ट देखने का उल्लेख करते हुए स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग इस घटना के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं या बदनामी में संलिप्त हैं, जो अत्यंत दुखद है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ करूर में हुई त्रासदी के बारे में सोशल मीडिया पर अफ़वाहें न फैलाएं। सभी को ज़िम्मेदारी से पेश आना चाहिए।’’
स्टालिन ने वीडियो संदेश में लोगों से कहा, ‘‘यह एक ऐसी त्रासदी थी जो पहले कभी नहीं हुई; ऐसी त्रासदी फिर कभी न होनी चाहिए। जब मैं अस्पताल गया और वहां जो दृश्य मैने देखे वे मेरी आंखों के सामने अभी भी घूम रहे हैं। इस दुख से मेरा हृदय द्रवित है।’’
उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार ने पीड़ितों (मृतकों) के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी और सरकार इसे प्रदान भी कर रही है। सरकार ने इस घटना की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश अरुणा जगतीसन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है और आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों और झूठी खबरों पर नजर रख रहा हूं। कोई भी राजनीतिक दल का नेता कभी नहीं चाहेगा कि उसके कार्यकर्ता या निर्दोष नागरिक मारे जाएं। इस घटना के सभी पीड़ित चाहे वे किसी भी दल से जुड़े हों सभी मेरे अपने हैं, वे हमारे तमिल भाई हैं।’’
स्टालिन ने कहा कि भविष्य में राजनीतिक दलों और जन संगठनों द्वारा ऐसे कार्यक्रमों के संचालन के लिए नियम-कानून बनाना सरकार का कर्तव्य है। इसलिए आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद वह सभी राजनीतिक दलों और नागरिक समाजों के साथ परामर्श करके नियम-कानून तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग करने की आशा जताई।