अफगानिस्तान ने एक और अमेरिकी नागरिक को छोड़ा

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वाशिंगटन/काबुल{ गहरी खोज }: अफगानिस्तान ने एक और अमेरिका नागरिक को छोड़ दिया है। आमिर अमीरी इस साल अफगानिस्तान की जेल से आजाद होने से वाले पांचवें नागरिक हैं। अमीरी की रिहाई में कतर ने महत्वपूर्ण राजनयिक भूमिका निभाई। वाशिंगटन ने इसके लिए दोहा का आभार जताया है। एबीसी न्यूज (अमेरिका) और द एक्सप्रेस ट्रिब्यून (पाकिस्तान) की रविवार की रिपोर्ट में अमीरी को रिहा करने की पुष्टि की गई है।
अमेरिका के विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को जारी बयान में अमेरिकी नागरिक आमिर अमीरी की रिहाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमीरी को अफगानिस्तान में गलत तरीके से हिरासत में लिया गया था। अमीरी के रूप में इस साल अफगानिस्तान ने पांचवें नागरिक को अमेरिका को सौंपा है।
रुबियो ने बयान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व और उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने अमीरी की रिहाई सुनिश्चित करने में मदद के लिए कतर को भी श्रेय दिया। रुबियो ने कहा, आज, राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और अमेरिकी जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण अमेरिका अफगानिस्तान में गलत तरीके से हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिक आमिर अमीरी का स्वदेश वापसी पर स्वागत करता है। हम कतर के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, जिसकी मजबूत साझेदारी और अथक कूटनीतिक प्रयास उनकी रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहे।
रुबियो ने कहा कि अफगानिस्तान में अभी भी कई अमेरिकी अन्यायपूर्ण रूप से हिरासत में हैं। ट्रंप तब तक आराम से नहीं बैठेंगे, जब तक उनकी स्वदेश वापसी नहीं करा ली जाती। एक अधिकारी के अनुसार, अमीरी एक पास एक विशेष आप्रवासी वीजा (एसआईवी) मिला था। अमीरी की रिहाई के लिए राजनयिक वार्ता और बातचीत अमेरिका-कतर का एक संयुक्त प्रयास था। अधिकारी ने कहा कि अमीरी की सुरक्षित वापसी के बदले तालिबान को कुछ नहीं दिया गया। अमीरी की रिहाई और बोहलर का इस क्षेत्र का दौरा ट्रंप की तालिबान से बगराम एयर बेस का नियंत्रण अमेरिका को वापस सौंपने का आग्रह करने के एक हफ्ते बाद हुआ है।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अमीरी की रिहाई से पहले एक बुज़ुर्ग ब्रिटिश दंपति को पिछले हफ्ते रिहा किया था। एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि अमीर अमीरी को वाशिंगटन के विशेष दूत एडम बोहलर को सौंप दिया गया है। बोहलर ने इस संबंध में इस महीने की शुरुआत में तालिबान सरकार के साथ चर्चा के लिए काबुल कादौरा किया था। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर कहा, अफगान सरकार नागरिकों के मुद्दों को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखती और यह स्पष्ट करती है कि कूटनीति के जरिए मुद्दों को सुलझाने के तरीके खोजे जा सकते हैं।

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