बिहार को रेल मंत्री की बड़ी सौगात, तीन अमृत भारत, चार पैसेंजर ट्रेनों का शुभारंभ

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: बिहार को सोमवार को रेलवे से बड़ी सौगात मिली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन नई अमृत भारत एक्सप्रेस और चार नई पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। नई ट्रेनों के शुभारंभ से बिहार की कनेक्टिविटी न केवल उत्तर भारत बल्कि दक्षिण भारत से भी और मजबूत होगी।
रेल मंत्री वैष्णव ने दरभंगा–अजमेर (मदार), मुजफ्फरपुर–हैदराबाद (चर्लपल्ली) और छपरा–दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इनमें से मुजफ्फरपुर–चर्लपल्ली एक्सप्रेस दक्षिण भारत जाने वाली पहली अमृत भारत ट्रेन है। वहीं, छपरा–दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस बिहार की छठी ट्रेन होगी जो दिल्ली को सीधे जोड़ेगी। इन ट्रेनों से यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
अमृत भारत एक्सप्रेस को भारतीय रेल ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। इसमें सेमी-ऑटोमैटिक कपलर, फायर डिटेक्शन सिस्टम, सील्ड गैंगवे और टॉक-बैक यूनिट जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल की गई हैं। पहली बार गैर-एसी डिब्बों में भी उन्नत सुरक्षा तकनीक लगाई गई है। वैष्णव ने कहा कि यह ट्रेन न केवल किफायती और तेज यात्रा का साधन है बल्कि रेलवे के आधुनिकीकरण का प्रतीक भी बन चुकी है।
इसके साथ ही आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चार नई पैसेंजर ट्रेनों की भी शुरुआत की गई है। इनमें पटना–बक्सर, झाझा–दानापुर, पटना–इसलामपुर और नवादा–पटना पैसेंजर शामिल हैं। नवादा से पटना के बीच चलने वाली ट्रेन नई शेखपुरा–बारबिघा–बिहार शरीफ रेलखंड से होकर गुजरेगी। इससे बारबिघा और अस्थावां क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। इसी तरह, पटना–इसलामपुर ट्रेन जटदुमरी–फजलचक–टॉप सरथुआ–दनियावां मार्ग से चलेगी, जिससे इस इलाके को पहली बार यात्री ट्रेन सुविधा मिलेगी।
पटना–बक्सर पैसेंजर ट्रेन दानापुर और आरा के रास्ते चलेगी, जबकि झाझा–दानापुर पैसेंजर ट्रेन जमुई, किउल, बख्तियारपुर और फतुहा होते हुए पटना पहुंचेगी। इन ट्रेनों के संचालन से प्रदेश के विभिन्न जिलों के यात्रियों को सुगम और किफायती यात्रा सुविधा उपलब्ध होगी।
वैष्णव ने कहा कि 2014 से पहले बिहार में रेलवे का बजट मात्र 1,000 करोड़ रुपये के आसपास होता था, जबकि अब यह बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में एक लाख करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं चल रही हैं। राज्य का रेलवे नेटवर्क शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो चुका है और अब तक 1,899 किलोमीटर नए ट्रैक बिछाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में पहले केवल कुछ ही परियोजनाएं पूरी हो पाती थीं, लेकिन अब लंबित कार्य तेजी से पूरे हो रहे हैं। कई नए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं और नई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। राज्य में 14 जोड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस (28 सेवाएं) 25 जिलों को जोड़ रही हैं, जबकि 10 जोड़ी अमृत भारत एक्सप्रेस (20 सेवाएं) 28 जिलों तक पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा एक जोड़ी नमो भारत ट्रेन भी बिहार में चलाई जा रही है।
रेल मंत्री ने कहा कि आगामी छठ और दीपावली त्योहारों के लिए इस बार रिकॉर्ड संख्या में 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है। इनमें से 10,500 ट्रेनों की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी गई है। पिछले वर्ष साढ़े सात हजार स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। इसके साथ ही 150 ट्रेनें अनारक्षित रखी जाएंगी ताकि किसी भी क्षेत्र से मांग बढ़ने पर तुरंत वहां तैनात की जा सकें।
इस अवसर पर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले कार्यकाल को भी याद किया और कहा कि उन्होंने रेलवे विकास की जो नींव रखी थी, उसका लाभ लंबे समय तक मिला। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीच के एक दशक में रेलवे उपेक्षा का शिकार रहा और पुरानी अवस्था में लौट गया था, लेकिन मोदी सरकार में रेलवे ने नई ऊर्जा और दिशा प्राप्त की है।
रेल मंत्री ने विश्वास जताया कि नई अमृत भारत और पैसेंजर ट्रेनों से बिहार में व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इससे प्रदेश के आर्थिक विकास की गति और तेज होगी और “विकसित बिहार से विकसित भारत” की परिकल्पना साकार करने की दिशा में यह एक अहम कदम साबित होगा।

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