भोजपुरी सिनेमा के सुनहरे दौर की याद दिलाती फिल्म ‘आपन कहाये वाला के बा’

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मुम्बई{ गहरी खोज }:भोजपुरी सिनेमा की छवि को लेकर अक्सर दर्शकों के मन में आकांक्षाएं रहती हैं कि कहीं कोई असहज कर देने वाला दृश्य न आ जाए। लेकिन निर्देशक रजनीश मिश्रा की नई फिल्म ‘आपन कहाये वाला के बा’ इस सोच को बदल देती है। यह फिल्म न सिर्फ अपने फ़िल्मांकन, कहानी, गीत-संगीत, अभिनय और निर्देशन से दर्शकों को बाँधे रखती है बल्कि भोजपुरी समाज की सकारात्मक और संवेदनशील तस्वीर भी पेश करती है।
फिल्म टूटते-बिखरते परिवार को जोड़ने का संदेश देती है। कई बार हंसाती है और कई बार आंखें नम कर देती है। हम गहना पहिन के का करब जब जेठ जी के पगड़ी उतर जाई जैसे हृदयस्पर्शी संवाद दर्शकों को पुराने दौर की फिल्मों की याद दिलाते हैं।
फिल्म में अवधेश मिश्रा, अंजना सिंह, देव सिंह, माया यादव और प्रीति मौर्या ने प्रभावशाली अभिनय किया है। बहन के किरदार में नवोदित अभिनेत्री संयुक्ता राय दर्शकों का ध्यान खींचती हैं। वहीं, रिंकू भारती, राघव पाण्डेय, अमरीश सिंह और राम सूजन सिंह ने भी अपने किरदारों को पूरी ईमानदारी से निभाया है। गीतकार मनोज भावुक और संगीतकार रजनीश मिश्रा की जोड़ी ने फिल्म के गीतों को अविस्मरणीय बना दिया है।
‘आपन कहाये वाला के बा’ भोजपुरी फिल्मों पर लगे ‘फूहड़पन’ के कलंक को धोती है और यह साबित करती है कि संवेदनशील कहानियां, असरदार संवाद और आत्मीय संगीत आज भी दर्शकों के दिल जीत सकते हैं। फिल्म के निर्माता रजनीश मिश्रा व विनय सिंह हैं। समीक्षकों का मानना है कि यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा के सुनहरे दिनों की याद दिलाती है और आने वाले वर्षों तक एक मील का पत्थर बनकर याद की जाएगी।

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