मोदी ने की गांधी जयंती पर लोगों से खादी उत्पाद खरीदने की अपील

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमेशा स्वदेशी अपनाने पर बल दिया जिसमें खादी सबसे प्रमुख थी, इसलिए वह सभी से आग्रह करते हैं कि उनकी जयंती दो अक्टूबर को खादी का कोई न कोई उत्पाद जरूर खरीदें।
श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियाे प्रसारण कार्यक्रम मन की बात में कहा ‘ दो अक्टूबर को गांधी जयंती है। गांधी जी ने हमेशा स्वदेशी को अपनाने पर बल दिया और इनमें खादी सबसे प्रमुख थी। दुर्भाग्य से आजादी के बाद, खादी की रौनक कुछ फीकी पड़ती जा रही थी, लेकिन बीते 11 साल में खादी के प्रति देश के लोगों का आकर्षण बहुत बढ़ गया है। पिछले कुछ वर्षों में खादी की बिक्री में बहुत तेजी देखी गई है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि दो अक्टूबर को कोई न कोई खादी उत्पाद जरूर खरीदें। गर्व से कहें ये स्वदेशी हैं। इसे सोशल मीडिया पर हैशटैग ‘वोकल फोर लोकल’ के साथ साझा भी करें।
उऩ्होंने कहा कि खादी की तरह ही हमारे हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। आज हमारे देश में ऐसे कई उदाहरण सामने आ रहे हैं, जो बताते हैं कि अगर परंपरा और नवाचार को एक साथ जोड़ दिया जाए, तो अद्भुत परिणाम मिल सकते हैं। जैसे, एक उदाहरण तमिलनाडु के है। यहां अशोक जगदीशन और प्रेम सेल्वाराज ने कारपोरेट नौकरी छोड़ एक नई पहल की। उन्होंने घास और केला फाइबर से योगा मैट बनाए, हर्बल रंगों से कपड़े रंगे, और 200 परिवारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा झारखंड के आशीष सत्यव्रत साहू ने जोहारग्राम ब्रांड के जरिए आदिवासी बुनाई और परिधानों को वैश्विक रैम्प तक पहुंचाया है। उनके प्रयासों से आज झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दूसरे देशों के लोग भी जानने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के मधुबनी जिले की स्वीटी कुमारी ने भी ‘संकल्प क्रिएशन’ शुरू किया है। मिथिला पेंटिंग को उन्होंने महिलाओं की आजीविका का साधन बना दिया है। आज 500 से ज्यादा ग्रामीण महिलायें उनके साथ जुड़ी हैं और आत्मनिर्भरता की राह पर हैं। सफलता की ये सभी गाथाएं हमें सिखाती हैं कि हमारी परंपराओं में आय के कितने ही साधन छिपे हुए हैं। अगर इरादा पक्का हो, तो सफलता हमसे दूर नहीं जा सकती।