प्रधानमंत्री ने नवरात्रि और दिवाली के पर्व पर गुजरात सहित देशवासियों को दी स्वदेशी 4G नेटवर्क की सौगात : मुख्यमंत्री

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गांधीनगर{ गहरी खोज }: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बीएसएनएल की सिल्वर जुबली और गुजरात के 4 हजार सहित देशभर में 92 हजार से अधिक स्वदेशी 4G टावरों के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश और देश वासियों को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि आद्यशक्ति की आराधना का नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है, ऐसे समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवरात्रि और दिवाली के त्योहारों पर देशवासियों को स्वदेशी 4G नेटवर्क का बड़ा उपहार दिया है।
राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज ओडिशा के झारसुगुड़ा से स्वदेशी बीएसएनएल 4G नेटवर्क का राष्ट्रव्यापी लोकार्पण किया गया। इस लोकार्पण कार्यक्रम में महात्मा मंदिर, गांधीनगर से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मांडविया जुड़े।
विभाग ने बताया कि सिल्वर जुबली वर्ष में भारत संचार निगम लिमिटेड–बीएसएनएल ने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत विज़न को पुष्ट करते हुए 4G सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत 14 हजार से अधिक साइटों सहित 97,500 नई 4G साइटों का उद्घाटन किया गया। गुजरात में स्थापित 4 हजार 4G टावरों में से 600 से अधिक टावर अत्यंत दुर्गम, आंतरिक, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत होंगे। इसके परिणामस्वरूप राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों को भी स्वदेशी 4G कनेक्टिविटी मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर तक ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान और हर घर स्वदेशी’ का जन आंदोलन देशभर में प्रारंभ हुआ है। स्वदेशी 4G नेटवर्क के उद्घाटन से इस अभियान को और अधिक गति मिली है।
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल की टैगलाइन है “कनेक्टिंग भारत” और यह टैगलाइन प्रधानमंत्री के विज़न के साथ पूरी तरह से संगत कर रही है। पिछले 11 वर्षों में देश में सड़क, रेल, मेट्रो ट्रेन नेटवर्क, एयर नेटवर्क, इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क और संचार नेटवर्क में क्रांतिकारी कदम उठाकर ‘कनेक्टिंग भारत’ को मूर्त रूप दिया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ की सफलता से भारत ने विश्व में गौरव प्राप्त किया है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत ‘आयातक’ से ‘निर्यातक’ बन गया है। रक्षा, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में नए आयाम खुले हैं।
उन्होंने कहा कि ‘मेड फॉर इंडिया’ की जगह अब ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ की चर्चा हो रही है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि देश में बनी तकनीक और वस्तुओं का उपयोग कर आत्मनिर्भर–स्वदेशी जन आंदोलन को और अधिक गति दें।

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