राज कुंद्रा की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने दायर की चार्जशीट; 150 करोड़ बिटकॉइन घोटाले से जुड़ा केस

मुंबई{ गहरी खोज }: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कारोबारी राज कुंद्रा के खिलाफ बिटकॉइन घोटाले में चार्जशीट दायर की है। एजेंसी का दावा है कि कुंद्रा सिर्फ एक बिचौलिये की भूमिका में नहीं थे, बल्कि वह खुद 285 बिटकॉइन के वास्तविक लाभार्थी हैं, जिनकी मौजूदा कीमत 150 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।
यह मामला क्रिप्टो दुनिया के कुख्यात नाम अमित भारद्वाज से जुड़ा है, जिसे ‘गेन बिटकॉइन’ पोंजी स्कैम का मास्टरमाइंड कहा जाता है। ईडी का आरोप है कि भारद्वाज से राज कुंद्रा को 285 बिटकॉइन मिले थे। इन बिटकॉइन का इस्तेमाल यूक्रेन में माइनिंग फार्म लगाने के लिए होना था, लेकिन सौदा पूरा नहीं हो सका। इसके बावजूद, कुंद्रा आज तक इन बिटकॉइन को अपने पास रखे हुए हैं। एजेंसी के मुताबिक, कुंद्रा ने लगातार जांच को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने बिटकॉइन वॉलेट के पते तक साझा नहीं किए और सबूतों को छिपाने के लिए अपने फोन के खराब होने का बहाना दिया।
चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि कुंद्रा ने अपनी पत्नी और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के साथ एक लेनदेन किया, जिसमें बाजार मूल्य से कहीं कम कीमत पर सौदा दिखाया गया। ईडी के अनुसार, यह तरीका काले धन को सफेद बनाने और अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए अपनाया गया।
राज कुंद्रा ने यह तर्क दिया कि वह केवल मध्यस्थ थे और उनके पास कोई प्रत्यक्ष स्वामित्व नहीं था। लेकिन ईडी का कहना है कि समझौते की शर्तों और लगातार लेन-देन की जानकारी रखने के कारण यह साफ है कि कुंद्रा ही वास्तविक लाभार्थी थे। इतना ही नहीं, सात साल पुरानी ट्रांजैक्शन को लेकर उनका स्पष्ट विवरण देना यह साबित करता है कि बिटकॉइन उन्हीं के पास थे।
इस घोटाले में हजारों निवेशकों से पैसे जुटाए गए थे। वादा किया गया था कि बिटकॉइन माइनिंग से उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा, लेकिन इसके बजाय निवेशकों का पैसा गायब कर दिया गया और बिटकॉइन गुप्त वॉलेट्स में छिपा दिए गए। महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस ने इस धोखाधड़ी को लेकर कई एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया। राज कुंद्रा के अलावा इस मामले में कारोबारी राजेश सतीजा का भी नाम सामने आया है। दोनों के खिलाफ विशेष पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है।