जलसंकट वाले क्षेत्रों में मनरेगा की 65 फीसदी राशि जल संरक्षण पर होगी खर्चः शिवराज

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने गुरुवार को कृषि भवन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कमलेश पासवान, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शैलेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे, वहीं केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी तथा जिला कलेक्टर्स सहित ग्रामीण ब्लॉकों के प्रतिनिधि एवं जल संरक्षण से जुड़े गणमान्यजन बड़ी संख्या में वर्चुअल जुड़े थे।
शिवराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत जल सुरक्षा को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है, जिसके तहत देश के जल-संकटग्रस्त ग्रामीण ब्लॉकों में जल-संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम, 2005 की अनुसूची में संशोधन किया गया है। इस ऐतिहासिक संशोधन के अंतर्गत ग्रामीण ब्लॉकों में जल संरक्षण एवं संचयन कार्यों पर न्यूनतम व्यय को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है। शिवराज सिंह ने कहा कि भूजल स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। पानी की किल्लत दुनिया की एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कैच द रेन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर के निर्माण सहित विभिन्न अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण पर जोर दिया है।
पानी ही जीवन है। प्रधानमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्देश दिया था कि मनरेगा योजना के अंतर्गत जो राशि मिलती है, उसका निश्चित भाग जल संरक्षण के कार्यों में व्यय किया जाएं। प्रधानमंत्री के इसी निर्देश पर मनरेगा में यह प्रावधान किया है कि ‘अति जलसंकट ग्रसित’ वाले ब्लॉकों में मनरेगा की 65 प्रतिशत राशि जल संरक्षण के कार्यों पर खर्च होगी, वहीं सेमीक्रिटिकल ब्लॉक में मनरेगा की 40 प्रतिशत राशि जल संरक्षण के कार्यों में लगाई जाएगी और जहां जल संकट नहीं है, वहां कम से कम 30 राशि जल संकट से जुड़े कार्यों में ही खर्च होगी। शिवराज सिंह ने कहा कि अब संपूर्ण देश में मनरेगा की राशि जल संरक्षण के कार्यों में प्राथमिकता के साथ खर्च होगी, इससे भूजल स्तर बढ़ाने और जल संरक्षण अभियान को गति मिलेगी। यह नीतिगत आवंटन सुनिश्चित करेगा कि संसाधन उन क्षेत्रों में पहुंचाए जाएं, जहां उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। शिवराज सिंह ने कहा कि अमृत सरोवर योजना में 50 हज़ार के लक्ष्य के मुकाबले 68 हज़ार सरोवर बनाए गए हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जलसंचय को सर्वोच्च प्राथमिकता देते रहे हैं। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स की बैठक में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिया गया और प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार शिवराज सिंह ने मनरेगा के बजट में से राशि जल संबंधी कार्यों के लिए निर्धारित की है। यह निर्णय जल सुरक्षा और ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और शिवराज सिंह का आभार व्यक्त किया।