डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के बढ़ते मामले चिंता का विषय : अंकुश नारंग

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर गुरुवार को चिंता जताई। साथ ही उन्होंने बताया कि डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। ऐसे में सरकार को इस पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब आआपा ने 10 हफ्ते, 10 रविवार, सुबह 10 बजे, 10 मिनट अभियान चलाया था, जिसके जरिए लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाता था। इस अभियान के तहत लोगों को अपने घरों में पानी जमा होने से रोकने, गमलों और कूलरों की सफाई करने जैसे उपायों की जानकारी दी जाती थी, जिससे मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके।
नारंग ने बताया कि इस साल दिल्ली में डेंगू के 685 मामले और इस सप्ताह 66 नए मामले सामने आए हैं। मलेरिया के कुल 333 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें इस सप्ताह 36 नए मामले शामिल हैं, जो पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। इसके अलावा, चिकनगुनिया के 52 मामले सामने आए हैं, जिनमें इस सप्ताह 6 नए मामले शामिल हैं, जो भी पिछले पांच सालों में सबसे अधिक हैं।
नारंग ने चेतावनी दी कि दिल्ली की स्थिति और बिगड़ सकती है, क्योंकि 29 सितंबर से डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब 5,200 डीबीसी कर्मचारी हैं, जो मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जांच करते हैं। ये कर्मचारी समान वेतन, चिकित्सा अवकाश को अर्जित अवकाश में बदलने और मृत्यु की स्थिति में परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन कर्मचारियों की हड़ताल से दिल्ली में इन बीमारियों का प्रकोप और बढ़ सकता है। इन मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए केवल फॉगिंग पर्याप्त नहीं है। इसके लिए सरकार को व्यापक जन जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता जरूरी है। दिल्लीवासियों से उन्होंने अपील की कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा होने से रोकें और स्थानीय निकायों के साथ मिलकर मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करें। साथ ही, उन्होंने एमसीडी से मांग की कि डीबीसी कर्मचारियों की मांगों को तुरंत पूरा किया जाए ताकि हड़ताल को टाला जा सके और दिल्ली को इन बीमारियों से बचाया जा सके।

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