मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर तीखा प्रहार, ‘बिहार से बजेगा बदलाव का बिगुल’

पटना { गहरी खोज }: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को पटना स्थित ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि भारत आज एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जिसकी ज़िम्मेदार केंद्र की विफल कूटनीति, लोकतंत्र पर हमले और आर्थिक नीतियों की नाकामी है।
श्री खरगे ने कहा कि, ‘हम बिहार से, लोकतंत्र की जननी से, यह संकल्प दोहराते हैं कि हम संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।‘ उन्होंने बताया कि 85 साल पहले रामगढ़ में संविधान सभा का पहला प्रस्ताव पारित हुआ था और आज जब वोटर लिस्ट में हेराफेरी हो रही है तो बिहार से लोकतंत्र की नई लड़ाई शुरू की जायेगी।
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का हवाला देते हुये खरगे ने आरोप लगाया कि देशभर में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोट जानबूझकर काटे जा रहे हैं, जिससे उनकी स्कॉलरशिप, पेंशन, राशन और अधिकारों की भी चोरी हो रही है।
खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की आलोचना करते हुये कहा कि, ‘जिन्हें प्रधानमंत्री ‘मित्र’ कहते हैं, वही आज भारत को संकट में डाल रहे हैं।‘
उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन से आयात पिछले 5 वर्षों में दोगुना हो गया है, जबकि ‘स्वदेशी’ की बात सिर्फ चुनावी जुमला बन गई है।
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी और गलत GST ने देश को मंदी में धकेल दिया। रोजगार नहीं हैं, ग्रामीण उपभोग 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है और महंगाई चरम पर है।‘
खरगे ने नीतीश कुमार और भाजपा की गठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुये कहा कि, ‘बिहार की बेरोजगारी दर 15% से ऊपर है, युवा पलायन कर रहे हैं और भर्ती घोटालों से वे सड़कों पर हैं। खेती तबाह है, चीनी मिलें बंद हैं, और बाढ़ प्रबंधन पूरी तरह फेल हो चुका है।‘
जातिगत जनगणना और आरक्षण पर बोलते हुये खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि बिहार विधानसभा से पारित 65% आरक्षण को अब तक संवैधानिक सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘जब कांग्रेस सरकार ने तमिलनाडु में 69% आरक्षण को संवैधानिक दर्जा दिया था तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो रहा?’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुये खरगे बोले, ‘जो जातियों के नाम पर रैलियों को रोकते हैं, उन्होंने पहले आरक्षण का विरोध किया। क्या प्रधानमंत्री जनता को बताएंगे कि जातीय न्याय के लिए आवाज उठाने वालों को जेल में क्यों डाला जा रहा है?’
खरगे ने बिहार में बढ़ते अपराध, शिक्षकों की भारी कमी और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का ज़िक्र करते हुये कहा कि आज बिहार का आम नागरिक या तो शोषण झेलता है या इलाज के लिए राज्य से बाहर जाता है।
उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा कि, ‘बिहार की जनता विकास, रोजगार, सामाजिक न्याय और सुशासन चाहती है और कांग्रेस पार्टी, अपने गठबंधन दलों के साथ मिलकर, यह सब देने को तैयार है। आगामी विधानसभा चुनाव सिर्फ बिहार नहीं, पूरे देश के लिए मील का पत्थर बनेगा। यही से मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू होगी।‘
पटना की इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे का भाषण स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस पार्टी अब बिहार को 2025 विधानसभा चुनाव में एक निर्णायक मोर्चा बनाने की तैयारी में है। राहुल गांधी की सक्रियता और जाति जनगणना को लेकर बढ़ता दबाव भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है।