देश के कुल स्टार्टअप्स में 48 प्रतिशत महिलाओं ने किए तैयार : शाह

गांधीनगर{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में कहा कि देश के कुल स्टार्टअप्स में 48 प्रतिशत महिलाओं ने तैयार किये हैं। मातृशक्ति-महिला उद्यमियों के पास हमेशा देवी लक्ष्मी का वास होता है।
श्री शाह ने यहां ‘स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025’ का प्रारंभ कराते हुए कहा, “उत्तर-पूर्व में लगभग 900 स्टार्टअप्स महिला संचालित हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए कार्यरत हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम के माध्यम से अब तक गौरव समान लगभग 19.70 लाख रोजगार उपलब्ध कराये गये हैं। टू टियर तथा थ्री टियर सिटी में प्रति वर्ष लगभग 9,000 स्टार्टअप शुरू होते हैं, जो देश का विकास दर्शाते हैं।”
पिछले चार वर्षों से गुजरात स्टार्टअप क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में काम करते हुए देश भर में प्रथम रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनकी टीम के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों ने साथ मिलकर गुजरात को स्टार्टअप क्रांति का केंद्र बनाया है। देश के शीर्ष पांच राज्यों में गुजरात में 16,000 स्टार्टअप हैं। अकेला अहमदाबाद शहर 6650 स्टार्टअप के साथ शीर्ष-4 की सूची में शामिल है। गुजरात राज्य लगातार चार वर्षों से स्टार्टअप क्षेत्र में बेस्ट परफॉर्मर स्टेट का खिताब जीत रहा है।
स्टार्टअप कॉन्क्लेव के द्वितीय संस्करण के विषय में उन्होंने कहा कि लगातार दो दिन चलने वाले इस कॉन्क्लेव में भारत को हर क्षेत्र में सर्वोच्च बनाने तथा हर नागरिक के जीवन में समयानुकूल परिवर्तन लाने पर चिंता और चिंतन के माध्यम से समस्या के समाधान के लिए सात सत्रों में विचार-विमर्श किया जायेगा। वर्ष 2023 में स्टार्टअप कॉन्क्लेव के प्रथम संस्करण की सफलता के बाद यह दूसरा संस्करण देश-प्रदेश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में अधिक सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 91वें स्थान पर था, लेकिन प्रधानमंत्री की निर्णायक एवं दूरदर्शी नीतियों के फलस्वरूप हाल ही में जारी हुए 2025 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत सीधे 38वें क्रम पर पहुंचा है, जो देश के युवाओं में व्याप्त क्षमता को दर्शाता है। युवाओं की इसी क्षमता को प्रोत्साहन देकर आगामी तीन वर्षों में भारत को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में शीर्षस्थ 10 देशों में स्थान दिलाने में भी यह कॉन्क्लेव महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली (परंपरा) में स्वास्थ्य, विज्ञान, गणित, दर्शनशास्त्र सहित विभिन्न विषयों का श्रेष्ठ ज्ञान संचित पड़ा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ज्ञान का यह खजाना युवाओं के नए स्टार्टअप्स की मजबूत नींव बनेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि भारत में ‘मिलियन्स ऑफ प्रॉब्लेम्स होंगी, लेकिन उनके समक्ष बिलियन्स ऑफ प्रॉब्लेम सॉल्वर्स’ भी हैं। इस प्रकार के आयोजनों से देश में इनोवेशन को गति तथा देश के युवाओं की क्रिएटिविटी को प्लेटफॉर्म मिलेगा, जिसके फलस्वरूप युवा प्रॉफिट से आगे बढ़कर आत्मनिर्भर भारत के सपने को सिद्ध करने में अधिकतम योगदान देंगे। वर्ष 2014 से पहले देश में टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप्स की संख्या नहीं के बराबर थी। आज देश के कुल स्टार्टअप्स में 37 प्रतिशत इन्हीं शहरों से आते हैं।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में वर्ष 2014 से स्टार्टअप्स को वित्तीय, इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीतिगत और बैंकिंग सहयोग उपलब्ध हो रहा है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड का गठन किया गया है। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दने के लिए अधिकतम ऋण सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने के साथ ही विभिन्न करों में भी छूट दी गयी है। इसके अतिरिक्त गुजरात सरकार भी स्टार्टअप्स को अनेक प्रकार की सहायता दे रही है, जिसके फलस्वरूप हर सर्जक अपना अलग स्टार्टअप बना रहा है।
सरकार द्वारा मेक इन इंडिया तथा 14 प्रमुख क्षेत्रों में पीएलआई लाकर विभिन्न परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए करोड़ों रुपये की सहायता की जा रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में शुरू किए गए मेक इन इंडिया तथा पीएलआई के माध्यम से विश्वभर के निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं। निवेशकों की सरलता के लिए देश में 3400 से अधिक कानूनों में फेरबदल किया गया है।
श्री शाह ने जोड़ा कि हाल ही में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जीएसटी का सरलीकरण किया गया है। जब देशभर में जीएसटी का नया कानून लागू किया गया था, तब विभिन्न 15 करों को एकीकृत कर एक कर लागू करना एक सपने जैसी बात थी। देश के सभी राज्यों ने मिलकर 80 हजार करोड़ रुपये से जीएसटी कर की शुरुआत की थी। नए जीएसटी कानून के परिणामस्वरूप आज 80 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर दो लाख रुपये करोड़ तक जीएसटी कलेक्शन पहुंचा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत बनी है। उन्होंने कहा कि शोषण के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए कर आवश्यक हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये जीएसटी सुधार करदाता और सरकार के बीच एक सेतु साबित हुआ है। जब नरेन्द्र मोदी की सरकार आयी थी, तब 2.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में छूट थी। आज देश के नागरिक को 12 लाख रुपये तक की आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता। जब देश की जनता ने ईमानदारी से टैक्स जमा किया है, तब-तब प्रधानमंत्री ने टैक्स कम करने का काम किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, डिजिटल इंडिया और जैम (जनधन- आधार-मोबाइल) ट्रिनिटी, ये सभी स्टार्टअप क्षेत्र को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं। भारत नेट परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार ने दो लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा है।