एसएंडपी ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर मंगलवार को बरकरार रखा। रेटिंग एजेंसी ने मोटे तौर पर अनुकूल मानसून के बीच मजबूत घरेलू मांग का हवाला देते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। एसएंडपी ने साथ ही कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है क्योंकि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी।
एसएंडपी ने बयान में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष (31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाला वर्ष) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी। हमारा अनुमान है कि घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी जिसे मोटे तौर पर सौम्य मानसून, आयकर तथा माल एवं सेवा कर में कटौती और सरकारी निवेश में तेजी से मदद मिलेगी।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में अपेक्षा से कहीं अधिक कमी से चालू वर्ष में मुद्रास्फीति को कम रखने में मदद मिलेगी। एसएंडपी ने कहा, ‘‘ इससे मौद्रिक नीति में और समायोजन की गुंजाइश बनती है। हमारा अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा।’’ एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट ‘एशिया-प्रशांत चौथी तिमाही 2025: बाह्य दबाव से वृद्धि में कमी’ में कहा कि पूरे क्षेत्र में अपेक्षाकृत लचीली घरेलू मांग से अमेरिकी आयात शुल्क में वृद्धि एवं धीमी वैश्विक वृद्धि के बाद मजबूत बाह्य प्रतिकूल परिस्थितियों का प्रभाव कम हो जाएगा।
विभिन्न एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से आयात पर अमेरिकी शुल्क उनके निर्यात परिदृश्य तथा क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में उनकी भूमिका दोनों को आकार देंगे। एसएंडपी ने कहा, ‘‘ अमेरिकी शुल्क पर हमारी जून की धारणाओं के सापेक्ष, चीन का प्रदर्शन अब तक अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कुछ बेहतर रहा है। दक्षिण-पूर्व एशियाई उभरते बाजारों का प्रदर्शन कुछ खराब रहा है। भारत पर अनुमान से कहीं अधिक बुरा असर पड़ा है।’’

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