स्वदेशी के मंत्र को बनाना होगा आत्मनिर्भर भारत का आधार : मोदी

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी के मंत्र को आत्मनिर्भर भारत का आधार बनाने का आह्वान करते हुए कहा है कि सभी लोगों को फिर से देश की मजबूती के लिए स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिये।
श्री मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि हर घर को ‘मेड इन इंडिया’ के गौरव का प्रतीक बनना चाहिए और स्वदेश में निर्मित वस्तुओं को हमारे स्वभाव का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने जीएसटी दरों में कमी, नियमों तथा प्रक्रियाओं के सरलीकरण को सरकार का इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारत का स्वर्णिम युग लौट आएगा जिससे देश के विकास को गति मिलेगी तथा विश्व मंच पर भारतीय वस्तुओं को नयी पहचान मिल सकेगी।
श्री मोदी ने सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्योगों(एमएसएमई) तथा घरेलू उद्योगों को देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कुटीर उद्योगों के मजबूत होने से स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुत लाभ होगा। जीएसटी की नयी दरों से कुटीर उद्योगों को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है, इससे उनकी बिक्री बढ़ेगी, उन्हें कम टैक्स देना पड़ेगा और उन्हें दोहरा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के लिये सभी राज्यों से आह्वान करते हुये कहा “आज मैं सभी राज्य सरकारों से अपील करता हूँ कि आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ, आप अपने राज्यों में पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ विनिर्माण को गति दें और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाएं। आज जाने-अनजाने में, कई विदेशी उत्पाद हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं। हमें ऐसे उत्पाद खरीदने चाहिए जो मेड इन इंडिया हों, हमारे देश के युवाओं की मेहनत से बने हों—ऐसे उत्पाद जिनमें हमारे बेटे-बेटियों का पसीना लगा हो।”
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आत्मनिर्भरता के पथ पर चलने की ज़रूरत है और देश को आत्मनिर्भर बनाने की एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी हमारे एमएसएमई पर भी है। देश के लोगों को जो चाहिए, जो हम अपने देश में बना सकते हैं, वो हमें यहीं देश में बनाने चाहिए। जीएसटी दरों में कमी और नियमों तथा प्रक्रियाओं के सरलीकरण से एमएसएमई, लघु उद्योगों और कुटीर उद्योगों पर असाधारण असर होने वाला है और उन्हें इसका कई तरह से लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने स्वदेशी को विकास के लिए एक मंत्र बताया और कहा “जिस तरह स्वदेशी के मंत्र से देश की आज़ादी को बल मिला उसी तरह अब इससे देश की समृद्धि को भी बल मिलेगा।