झीलें और नदियाँ लोगों की जीवन रेखाएँ, उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता: एलजी सिन्हा

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श्रीनगर{ गहरी खोज }: झीलों और नदियों को लोगों की जीवन रेखा बताते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल निकायों को संरक्षित करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यहां डल झील के किनारे एसकेआईसीसी में सेवा पर्व के तहत आयोजित स्वच्छता अभियान को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि डल झील का अस्तित्व हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है। सिन्हा ने कहा कि जल संसाधनों को साफ रखना न केवल एलसीएमए, एसएमसी और अन्य एजेंसियों का बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
केंद्र शासित प्रदेश के सामने आई हालिया प्राकृतिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि लोगों को जल संसाधनों के वास्तविक मूल्य का एहसास हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना सीखना चाहिए और अपने जल निकायों को उनके मूल स्वरूप में बहाल करना चाहिए।
उपराज्यपाल ने बताया कि चल रहे संरक्षण प्रयासों में, 6.5 किमी की दूरी वाली डल झील के लगभग एक तिहाई हिस्से को खरपतवार मुक्त बना दिया गया है और कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने झील की स्थिति में स्पष्ट सुधार के लिए कश्मीर के लोगों एलसीएमए और अन्य एजेंसियों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि सभी हाउसबोटों को एसडब्ल्यूआईसी से जोड़ दिया गया है। कार्यक्रम और एक नया दल-निगीन इको प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जो पर्यटन को बढ़ावा देगा।
सिन्हा ने स्वच्छता कार्यकर्ताओं की उनकी भूमिका के लिए सराहना की और कहा कि इस तरह की पहल से शहर और गांव दोनों ही जीवन में आसानी का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कचरा मुक्त शहर और गांव सिर्फ एक सपना नहीं रहना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को कुछ घंटे सेवा में लगाने होंगे और कूड़ा न फैलाने का संकल्प लेना होगा। उपराज्यपाल ने अधिकारियों और प्रशासकों से चल रहे कार्यक्रमों में तेजी लाने का भी आह्वान किया। पर्यावरण संरक्षण के बिना सच्चा विकास अधूरा है। उन्होंने कहा कि हमें भावी पीढ़ियों के लिए नदियों और झीलों को श्रद्धा और संस्कृति के प्रतीक के रूप में संरक्षित करने के लिए जागरूकता पैदा करनी चाहिए।

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