अदालती आदेशों के खिलाफ अपील की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की जरूरत: मेघवाल

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा कि सरकारी विभागों में अदालती आदेशों को चुनौती देने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की जरूरत है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) के एक सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार अदालतों द्वारा ठोस फैसले दिए जाने के बावजूद सरकारी विभाग अपील दायर कर देते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि कभी-कभी अधिकारी अपनी जान बचाने के लिए अदालत या कैट के आदेशों को चुनौती देने के लिए अपील दायर करते हैं, क्योंकि फैसलों में उनके द्वारा लिए गए निर्णयों पर सवाल उठाए गए होते हैं। मेघवाल ने कहा कि उन्हें नियमित रूप से ऐसी फाइलें मिलती रहती हैं, जिनमें केंद्रीय विभाग ठोस अदालती आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की योजना बना रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि सीएटी (कैट) को ई-फाइलिंग और डिजिटल सुनवाई जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूगोल न्याय प्रदान करने में बाधा न बने। उन्होंने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम करने में न्यायाधिकरण की भूमिका की भी सराहना की।

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