प्रवासियों विरुद्ध प्रस्ताव

संपादकीय { गहरी खोज }: पिछले दिनों होशियारपुर में पांच वर्षीय बालक के साथ बदखोरी व हत्या करने के आरोप में उत्तर प्रदेश से आये एक प्रवासी को गिरफ्तार किया गया था। इस अपराध की आड़ में कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य प्रदेशों से पंजाब में काम करने आये प्रवासियों के विरुद्ध एक अभियान चलाकर मांग की कि इन प्रवासियों को पंजाब से बाहर किया जाए।
होशियारपुर के कई गांवों ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि अब बाहरी राज्यों से आये लोगों को गांव में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। न किसी का वोटर व आधार कार्ड बनेगा और न ही गांव का कोई व्यक्ति किराये पर कमरा देगा। पंचायत ने यह निर्णय होशियारपुर में एक बच्चे के अपहरण और हत्या की घटना के बाद लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान इन प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हम देश के किसी भी नागरिक को आने से रोक नहीं सकते, क्योंकि पंजाबी भी अन्य राज्यों में रहते हैं। यदि ऐसा होने लगा तो अन्य राज्यों के लोग भी कहेंगे कि वापस जाओ। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी ने अपराध किया है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी, लेकिन इसकी आड़ में किसी को कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अगर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बठिंडा के डीसी ने भी प्रस्ताव पर कड़ा संज्ञान लिया है। गांव गहरी देवी नगर पंचायत ने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि गांव का कोई व्यक्ति दूसरे राज्यों के श्रमिकों को अपना घर या जमीन नहीं देगा। न ही कोई श्रमिक गांव में जमीन या घर खरीद सकेगा। यदि अन्य राज्य का कोई व्यक्ति गांव में रहना चाहता है, तो उसे खेत में बने कमरों में रहना होगा और पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी। सरपंच बलजीत सिंह के नेतृत्व में पारित प्रस्ताव का किसान संगठनों बीकेयू उगराहां और बीकेयू सिद्धपुर ने भी समर्थन किया है।
होशियारपुर और बठिंडा की कुछ पंचायतों द्वारा पंजाब में काम करने आये प्रवासियों विरुद्ध जो प्रस्ताव पारित किए है वह कानून की दृष्टि से कोई महत्व नहीं रखते, लेकिन इस तरह के प्रस्ताव पंजाब के हित में नहीं हैं।
पंजाबी आज देश व दुनिया में हर जगह बसे हुए हैं और काम कर रहे हैं। देश की ट्रांसपोर्ट तो पंजाबियों पर ही निर्भर है। अगर पंजाबियों विरुद्ध पंजाब के बाहर इन प्रस्तावों को लेकर विरोध शुरू होता है तो स्थिति कैसी बनेगी इसका सोचकर ही घबराहट पैदा हो जाती है।
पंजाब में आज 80 लाख के करीब प्रवासी काम कर रहे हैं। लुधियाना में तो कई पार्षद प्रवासी समुदाय से हैं। दशकों से रह रहे प्रवासियों पर पंजाब का उद्योग व कृषि पूरी तरह से निर्भर है। अगर दहशत में आकर यह अपने प्रदेशों में वापस जाने लगे तो पंजाब के उद्योग व कृषि पर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा, इस बारे गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए स्थिति स्पष्ट कर दी है कि देश के किसी भी नागरिक को पंजाब में बसने व काम करने के लिए रोका नहीं जा सकता। अगर ऐसा होता है तो देश के अन्य भागों में बसे पंजाबियों को कहा जाएगा कि वापस जाओ। हैरानी की बात यह है कि किसान संगठनों ने उपरोक्त प्रस्तावों को अपना समर्थन दिया है। किसान आंदोलन को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य प्रदेशों के किसान संगठनों ने तन-मन-धन से पंजाब के किसानों द्वारा चलाए आंदोलन की सहायता की थी। किसान नेता इतना बदल जाएंगे, ऐसा तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार व हरियाणा के किसान संगठनों व उनके नेताओं ने कभी सोचा भी नहीं होगा।
पंजाबी विशेषतया सिख देश में ही नहीं विदेशों में अपनी मेहनत से ऊंचे-ऊंचे राजनीतिक पदों पर विराजमान हैं और आर्थिक दृष्टि से भी बहुत समृद्ध हैं। विशेषतया इग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और अमेरिका इत्यादि इन देशों में आये दिन नशा तस्करी से जुड़े मामलों में या गैंगवार में पंजाबियों के नाम समाचार पत्रों की सुर्खियों में होते हैं। क्या कुछ लोगों की अपराधिक हरकतों के कारण वहां के सारे पंजाबी समुदाय को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है या उन्हें वहां से निकाला जा सकता है, उत्तर है नहीं। इसी तरह एक प्रवासी द्वारा किए अपराध के लिए सारे समुदाय के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकती। जिसने अपराध किया है उसे सजा मिले यह बात सुनिश्चित होनी चाहिए।
पंजाब की कुछ पंचायतों द्वारा प्रवासियों विरुद्ध पारित प्रस्ताव पंजाब के हित में नहीं है। यह प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास है। इन प्रस्तावों का पुरजोर विरोध होना चाहिए, क्योंकि यह पंजाब के विकास में बाधा डालने की कोशिश भी है। काम पर रखने से पहले जैसे सभी कर्मचारियों की जानकारी ली जाती है वैसे ही प्रवासियों को काम पर रखने से पहले उनके आधार कार्ड और उनका अतीत क्या रहा है, यह छानबीन प्रशासन व पुलिस द्वारा कराई जानी चाहिए ताकि अपराधिक गतिविधियों से जुड़े व्यक्ति की पहचान हो सके।