नवरात्रि में जरूर करें इन वास्तु नियमों का पालन, देवी मां की बरसेगी कृपा

धर्म { गहरी खोज } : पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ ही नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है और 22 सितंबर से मातारानी के जयकारों की गूंज पूरे देश में गूंजेगी। माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना सच्चे मन से की जाए तो हर बिगड़े काम संवर जाते हैं। ऐसे में देवी मां को खुश करने के लिए भक्तजन पूजा-पाठ और अनेक उपाय करते हैं। इनमें वास्तु दोष निवारण उपाय भी शामिल हैं।
वास्तु शास्त्र की मानें तो व्यक्ति के घर में वास्तु दोष होने घर के सदस्यों के जीवन में कोई न कोई परेशानी आती रहती है और बनते काम बिगड़ जाते हैं। ऐसे में आप देवी नवरात्रों में इन उपायों को अपना सकते हैं, जिससे देवी जगदम्बा की कृपा आप पर बरसेगी।
मुख्य द्वार से सुख-समृद्धि करेगी प्रवेश
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे की डिजाइन, आकार और दिशा का उस घर के लोगों की तरक्की में बहुत अहम योगदान रहता है, क्योंकि यहीं से हमारे घर में उर्जा का प्रवेश होता है। ऐसे में घर में अगर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, तो यह सबके लिए लाभकारी होती है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
- हमेशा मुख्य दरवाजे पर साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए।
- मुख्य द्वार पर कूड़ादान या झाड़ू आदि न रखें।
- इस बात का खास ध्यान रखें कि आपका मेन गेट बिना कोई आवाज किए आसानी से खुलता और बंद होता हो।
कलश स्थापना की सही दिशा
घट स्थापना के लिए वास्तु में पूजा स्थल की उत्तर-पूर्व की दिशा को सबसे शुभ माना गया है। इसके साथ ही मातारानी की मूर्ति या फोटो को भी उत्तर-पूर्व दिशा में इस तरह से रखें कि साधन का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
देवी उपासना
देवी आराधना के लिए पूजा स्थल की दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) की दिशा सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। वास्तु के मुताबिक, यह दिशा सबसे पवित्र, शुभ और सकारात्मक होती है। इस दिशा में पूजा करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। अगर किसी कारण से ईशान कोण आपके घर में उपलब्ध न हो तो उत्तर या पूर्व में किसी एक दिशा को भी चुन सकते हैं।
अखंड ज्योत के उपाय
अगर आप नवरात्रि में अखंड ज्योत रखते हैं, तो इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखे। वास्तु के मुताबिक, इसे अखंड ज्योत जलाने की सही दिशा बताई गई है।
शनि की कृपा
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को काले तिल, उड़द की दाल और भोजन का दान करना चाहिए। इससे आपके ऊपर शनि देव कृपा बरसाएंगे।