एम्स की हाई ब्लड प्रेशर पर हैरान कर देने वाली नई रिसर्च, बचाव के लिए अपनाएं स्वामी रामदेव के उपाय

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आप रोजाना फिटनेस के लिए पसीना बहाते हैं, हेल्दी डाइट फॉलो करते हैं लेकिन फिर भी ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं हो पाता है? जरूरी नहीं है कि ये सिर्फ लाइफस्टाइल की गलती हो, इसके पीछे कोई डिसऑर्डर भी जिम्मेदार हो सकता है। एम्स की एक ताजा स्टडी के मुताबिक हजारों हाइपरटेंशन पेशेंट्स के हाई बीपी की असली वजह हॉर्मोनल डिसऑर्डर यानी कोन्ज सिंड्रोम है। दरअसल, जब एड्रिनल ग्लैंड्स जरूरत से ज्यादा हॉर्मोन बनाने लगते हैं, तब बॉडी में सोडियम बढ़ता है और पोटैशियम घटता है जिससे ब्लड प्रेशर डेंजर लेवल पर पहुंच जाता है। एम्स की स्टडी कहती है, लगभग हर 10 हाइपरटेंशन पेशेंट्स में से 1 को ये प्रॉब्लम हो सकती है।

कोन्ज सिंड्रोम से सावधान
हॉर्मोनल डिसऑर्डर यानी कोन्ज सिंड्रोम की वजह से हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, किडनी डैमेज और रीनल डिजीज का रिस्क भी बढ़ता है। इस वजह से दिल की दीवार मोटी होने लगती है और ब्लड प्रेशर लगातार दवाइयों से भी कंट्रोल नहीं हो पाता है। लाखों लोग ब्लड प्रेशर की दवाई खाते हैं लेकिन असल वजह हॉर्मोनल हो, तो दवाई भी काम नहीं कर पाएगी।

गौर करने वाली बात
पहले माना जाता था कि बीपी सिर्फ 40 से ज्यादा उम्र वालों में होता है लेकिन अब नई स्टडी के मुताबिक बीपी और हॉर्मोनल डिसऑर्डर किसी भी उम्र में हो सकता है। 18 साल से लेकर 60-70 साल के हाइपरटेंशन पेशेंट्स भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। बस याद रखिए कि हाई बीपी सिर्फ नमक और लाइफस्टाइल का खेल नहीं है, कई बार आपके हॉर्मोन्स ही आपके खिलाफ काम कर रहे होते हैं। स्वामी रामदेव के मुताबिक इस दुश्मन को हराने का तरीका है, सही समय पर टेस्ट और सही इलाज के साथ रोजाना योगाभ्यास।

बीपी के लक्षण
अगर बीपी की दवाई खाने के बाद भी मांसपेशियों में कमजोरी, सिरदर्द, धड़कन तेज होना, इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नॉर्मल ब्लड प्रेशर, ऊपर वाला 120 और नीचे वाला 80 होता है। वहीं हाई ब्लड प्रेशर, ऊपर वाला 140+ और नीचे वाला 90+ हो सकता है। लो ब्लड प्रेशर, ऊपर वाला 90 और नीचे वाला 60 से कम हो सकता है।

ब्लड प्रेशर से बचाव
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए डाइट हेल्दी रखें, वजन कंट्रोल करें, नमक कम लें, योग-मेडिटेशन करें और अल्कोहल बंद कर दें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलत खानपान, वर्कआउट की कमी, अल्कोहल, स्मोकिंग, स्ट्रेस और मोटापा हाइपरटेंशन के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं।

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