सैयारा में एक्ट्रेस को हुई ये खतरनाक बीमारी, जवानी में भी हो सकते हैं शिकार, जान लें क्या हैं लक्षण और कैसे पहचानें

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: फिल्म सैयारा ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड बनाए और जमकर कमाई की। सैयारा ने अपनी कहानी और गानों के दम पर जमकर सुर्खियां बटोरीं, लेकिन इन सबके बीच फिल्म की एक्ट्रेस अनीत पड्डा को हुई गंभीर बीमारी ने भी सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। फिल्म में अनीत पड्डा को अल्जाइमर से पीड़ित दिखाया गया है। जो धीरे-धीरे सब कुछ भूलने लगी थीं। ये एक दिमाग की बीमारी है जिसके बारे में अभी तक लोग ये मानते थे कि अल्जाइमर बुढ़ापे में होने वाली बीमारी है। लेकिन फिल्म सैयारा में एक्ट्रेस को युवा अवस्था में ही इससे जूझना पड़ा। ऐसे में डॉक्टर से जानते हैं क्यों युवाओं में बढ़ रही है अल्जाइमर बीमारी, इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं और अल्जाइमर से कैसे बच सकते हैं। डॉ. प्रवीण गुप्ता ( चेयरमैन, मैरिंगो एशिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरो एंड स्पाइन (MAIINS), मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम) ने बताया इसके कुछ कॉमन रिस्क फैक्टर्स है।
अल्जाइमर होने के कारण
परिवार में इस बीमारी का इतिहास
APOE नामक जीन में म्यूटेशन
सिर पर चोट लगना
जीवनशैली से जुड़े कारक जैसे अनियंत्रित डायबिटीज
हाइपरटेंशन, धूम्रपान, शराब का सेवन
अत्यधिक तनाव और खराब नींद
अल्जाइमर के लक्षण
इसके शुरुआती लक्षण अलग अलग हो सकते हैं जिसमें रोजमर्रा की साधारण चीजें भूलना (जैसे बटुआ कहां रखा है, चाबी कहां रखी है, अपॉइंटमेंट्स), बात करते समय शब्द खोजने में कठिनाई, चीज़ों के नाम सही से न बोल पाना, लोगों के नाम भूल जाना, जगह, समय और लोगों के बीच भ्रम होना, मूड स्विंग्स, व्यक्तित्व में बदलाव, चिड़चिड़ापन, निर्णय लेने और निर्णय क्षमता में कमी आना। धीरे-धीरे व्यक्ति तारीख, समय और अपने नजदीकी लोगों को भी भूलने लगता है।
अल्जाइमर डिमेंशिया के लिए टेस्ट
अगर आपको मेमोरी लॉस हो रहा है, तो शुरुआती जांच करानी चाहिए ताकि डेमेंशिया और Alzheimer’s Disease में फर्क किया जा सके। इसके लिए मेमोरी टेस्ट, जेनेटिक स्क्रीनिंग जैसे टेस्ट किए जाते हैं जिनसे पता लगाया जा सकता है।
अल्जाइमर से कैसे बचें
इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कई दवाइयां उपलब्ध हैं जो मेमोरी को बेहतर बना सकती हैं या बीमारी की गति को धीमा कर सकती हैं। इसलिए बीमारी की रोकथाम के लिए जीवनशैली में सुधार करना जरूरी है। अल्जाइमर से बचने के लिए नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार जिसमें बी विटामिन्स, फल, सब्जियां, नट्स और मछलियां शामिल हों।
भारत में अल्जाइमर के मरीज
Alzheimer’s Disease एक लगातार बढ़ने वाली दिमाग की बीमारी है, जो धीरे-धीरे मेमोरी, सोचने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करती है। इंडिया में लगभग 55 लाख लोग डेमेंशिया से प्रभावित हैं, जिनमें से अधिकांश मामलों में कारण Alzheimer’s Disease ही होता है। यह सिर्फ मेमोरी लॉस नहीं है, बल्कि एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। अधिकांश मामलों में Alzheimer’s Disease बुज़ुर्गों में पाई जाती है। 60–65 साल से ऊपर के लोगों में इसका खतरा बढ़ जाता है लेकिन 5–10% मामलों में यह युवा लोगों में भी हो सकती है।