डूसू चुनाव में अभाविप ने चार में से तीन पदों पर किया कब्जा, उपाध्यक्ष का पद एनएसयूआई के नाम

नई दिल्ली { गहरी खोज }: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने चार में से तीन पदों पर जीत दर्ज की, जबकि राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने उपाध्यक्ष पद अपने नाम किया।हालांकि एनएसयूआई ने इन चुनावों में अभाविप पर चुनाव आयोग के साथ मिलकर धांधली का आरोप लगाया था, जिसे अभाविप ने बेबुनियाद बताया था।
नतीजों के अनुसार अध्यक्ष पद पर अभाविप के आर्यन मान ने 28,841 मत प्राप्त कर जीत हासिल की, जबकि जोशलीन नंदिता चौधरी को 12,645 मत मिले। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के राहुल झांसला ने 29,339 मत पाकर जीत दर्ज की, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी गोविंद तंवर को 20,547 मत मिले। सचिव पद पर अभाविप के कुणाल चौधरी को 23,779 मत मिले, जबकि कबीर 16,117 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। संयुक्त सचिव पद पर अभाविप की दीपिका झा ने 21,825 मत हासिल किए, वहीं लवकुश भड़ाना को 17,380 मत प्राप्त हुए।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष आर्यन मान ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। पिछले 5 सालों का मेरा सपना पूरा हुआ। आज मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के हर छात्र का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिनकी बदौलत मैं 16,000 वोटों के अंतर से जीता। हमने एनएसयूआई को फिर करारा जवाब दिया और उनके खिलाफ 3-1 से जीत हासिल की। कैंपस में छात्राओं के लिए कई डार्क स्पॉट हैं, हम वहां लाइटें लगवाएंगे।
डूसू के नवनिर्वाचित सचिव कुणाल चौधरी ने कहा ने मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के हर छात्र को वोट देने और मुझे समर्थन देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जब भी उन्हें मेरी जरूरत होगी, मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा।
डूसू के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष और एनएसयूआई नेता राहुल झांसला ने कहा कि उनकी जीत उनकी पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने इसे अपनी टीम को समर्पित करते हुए कहा कि चुनावी सफर में उनका साथ देने वाले सभी लोगों के प्रति वह आभारी हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने बताया कि इस बार अध्यक्ष पद के लिए 9, उपाध्यक्ष पद के लिए 3, सचिव पद के लिए 4 और संयुक्त सचिव पद के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में थे। अध्यक्ष पद पर 59,882 में से 3,175 विद्यार्थियों ने ‘नोटा’ चुना, जबकि उपाध्यक्ष पद पर 5,820, सचिव पद पर 7,365 और संयुक्त सचिव पद पर 7,314 वोट नोटा को मिले।
उल्लेखनीय है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किरोड़ीमल और हंसराज कॉलेज में ईवीएम पर स्याही लगी पायी जाने के बाद एनएसयूआई ने अभाविप पर चुनाव प्रक्रिया में धांधली करने का अरोप लगाया था। हालांकि चुनाव आयोग ने इसे छात्रों की गलती बताते हुए मशीनों को बदल दिया था। मिरांडा और रामजस कॉलेज में मशीनों में खराबी की शिकायत मिलने पर उन्हें भी बदल दिया गया था। एनएसयूआई के इन आरोपों को अभाविप ने बेबुनियाद बताया था। चुनाव आयोग ने कहा कि स्याही छात्रों की लापरवाही के कारण लगी। अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से एनएसयूआई के आरोप झूठे साबित होंगे। प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे कांग्रेस पार्टी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ती है, वैसे ही एनएसयूआई भी कर रही है।