आयुर्वेद मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण के लिए एक स्थायी वैश्विक समाधान हैः प्रतापराव जाधव

नई दिल्ली { गहरी खोज }: केन्द्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण के लिए आयुर्वेद एक स्थायी, एकीकृत समाधान के रूप में अग्रसर है और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शुक्रवार को राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित प्रेसवार्ता में 10 वें आयुर्वेद दिवस कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि भारत सरकार ने 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के लिए निश्चित वार्षिक तिथि के रूप में अधिसूचित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे इसे एक सार्वभौमिक कैलेंडर पहचान मिली है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष का विषय—“लोगों और विश्व के लिए आयुर्वेद” है।
प्रतापराव जाधव ने कहा कि गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में मनाया जाने वाले कार्यक्रम में आयुर्वेद के सभी आयमों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में आयुर्वेद की क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा विज्ञान से कहीं अधिक है- यह एक जीवन शैली है जो व्यक्तियों को उनके पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करती है। आयुष पर पहले अखिल भारतीय एनएसएसओ सर्वेक्षण का उल्लेख करते हुए प्रतापराव जाधव ने ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में आयुर्वेद की व्यापक स्वीकृति पर जोर दिया, जहां आज भी यह उपचार की सबसे अधिक प्रचलित प्रणाली बनी हुई है।
आयुष मंत्रालय के कई जन-केंद्रित पहलों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए “स्वास्थ्य की ओर छोटे कदम”, झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए बनाई गई रणनीति, मोटापे के लिए आयुर्वेद आहार” जैसे जागरूकता अभियान पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ “कैंसर देखभाल का एकीकरण”, “आयुर्वेद का डिजिटल परिवर्तन” और “संहिता से संवाद” पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
2016 में आयुर्वेद दिवस की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा का वर्णन करते हुए, जाधव ने बताया कि 2024 के संस्करण में 150 से अधिक देशों ने भाग लिया था। उन्होंने बताया कि 12,850 करोड़ रुपये के निवेश ने समग्र स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद की भूमिका को मजबूत किया है।
इस अवसर पर एआईआईए के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने आगामी समारोह का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 10वें आयुर्वेद दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम, डिजिटल अभियान, अंतर-मंत्रालयी सहयोग, राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 और मोटापे की रोकथाम, कैंसर जागरूकता, छात्र आउटरीच, पशु और पादप स्वास्थ्य और डिजिटल एकीकरण जैसे उप-विषय शामिल होंगे। माई गव और आई भारत प्लेटफॉर्म पर आई सपोर्ट आयुर्वेद जैसी पहलों के माध्यम से जनभागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इस पूर्वावलोकन में आयुष मंत्रालय के डीडीजी सत्यजीत पॉल सहित वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।