बिहार विधानसभा चुनाव : दीपंकर भट्टाचार्य ने कांग्रेस को दी पिछली हार से सबक लेने की नसीहत

कोलकाता { गहरी खोज }: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। इसी बीच वाम दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कांग्रेस को पिछली हार से सबक लेने की नसीहत दी है।
कोलकाता में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि कांग्रेस को इस बार यथार्थवादी रुख अपनाना चाहिए और 2020 जैसी गलती दोहराने से बचना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से भी यह अपील की कि वह छोटे सहयोगी दलों के लिए उदार रुख दिखाए, क्योंकि गठबंधन में नए साथी भी जुड़ने जा रहे हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी इस बार कम से कम 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पिछली बार माले ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 12 पर जीत दर्ज की थी। इस मौके पर उन्होंने साफ किया कि महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे और इसमें कोई भ्रम नहीं है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि कांग्रेस के कुछ नेता करीब 70 सीटों की मांग कर रहे हैं। लेकिन 2020 में उन्होंने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 19 जीत पाए। इसके मुकाबले 2015 में कांग्रेस ने 40 सीटों पर लड़ा और 27 सीटें जीत लीं। यही संतुलन सही रहेगा। कम सीटों पर लड़कर बेहतर प्रदर्शन करना कांग्रेस और पूरे गठबंधन के हित में होगा।”
भट्टाचार्य ने कहा कि राजद और कांग्रेस को 2020 की तुलना में इस बार कम सीटों पर समझौता करना होगा, क्योंकि गठबंधन बड़ा हो गया है। वर्तमान में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माले (भाकपा माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी जुड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, “हमें कुछ और दलों को जगह देनी होगी। राजद सबसे बड़ा दल है, उसके बाद कांग्रेस आती है, लेकिन दोनों को लचीला रवैया अपनाना पड़ेगा। माले को पिछली बार पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला था, इसलिए इस बार हम निष्पक्ष हिस्सेदारी की उम्मीद करते हैं।”
भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी उत्तर और दक्षिण, दोनों बिहार के अधिक जिलों में चुनाव लड़ना चाहती है। भट्टाचार्य ने कहा, “पिछली बार हमने केवल 12 जिलों में चुनाव लड़ा था। लेकिन जहां-जहां लड़े, वहां पूरे गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर हुआ।”
उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में महागठबंधन सरकार बनाने से बस थोड़ा पीछे रह गया था, लेकिन इस बार वे किसी भी हालत में पुरानी गलती नहीं दोहराना चाहते। उन्होंने कहा कि यदि बहुमत बहुत मामूली होगा, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी पार्टी गंदी चालें चलकर सरकार गिराने की कोशिश करेगी। इसलिए हमें निर्णायक जनादेश चाहिए।
भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वे दिखावा कर रहे हैं कि 2030 तक नीतीश ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहेंगे, लेकिन जनता में सरकार के खिलाफ गहरा आक्रोश है।