एक पेड़ मां के नाम अभियान हुआ ग्लोबल, कई देशों के राजदूतों ने लगाए पेड़

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत एक अनोखा ग्लोबल पौधरोपण अभियान पीबीजी ग्राउंड दिल्ली रिज पर आयोजित हुआ। इसमें 72 देशों के 75 से ज्यादा एम्बैसडर्स, हाई कमिश्नर्स और हेड्स ऑफ मिशन ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम 17 सितम्बर पीएम नरेंद्र मोदी के बर्थडे से 2 अक्तूबर गांधी जयंती तक देशभर में चल रहे सेवा पखवाड़े का अहम हिस्सा है।
इस अनोखे एवं ऐतिहासिक इवेंट में एशिया,अफ्रीका, यूरोप, ओशिआनिया, नॉर्थ और साउथ अमेरिका, कैरिबियन और लैटिन अमेरिका के देशों से आए मेहमानों और उनके फैमिली मेंबर्स ने हिस्सा लिया। हर फॉरेन डेलीगेट ने अपनी मदर के नाम पर पौधा लगाया। हर सैपलिंग के साथ नेमप्लेट लगी जिसमें डेलीगेट का नाम, उनकी मदर का नाम और ट्री स्पीशीज लिखी थी।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि ये पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा इवेंट है और पीएम मोदी के एक पेड़ मां के नाम की अपील हमें यह एहसास दिलाती है कि धरती को बचाना सबकी जिम्मेदारी है। कई एम्बैसडर्स और हाई कमिश्नर्स अपनी मां को याद करके भावुक हो गए। सेवा पखवाड़ा के तहत 25 सितम्बर को पूरे देश में 7.5 करोड़ सैपलिंग्स लगाए जाएंगे।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली का ग्रीन कवर 25 फीसदी बढ़ा है, जो अन्य सभी प्रदेशों में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज, बायोडाइवर्सिटी लॉस और एयर पॉल्यूशन की चुनौतियां किसी बॉर्डर को नहीं मानतीं, इसलिए हमें ग्लोबल लेवल पर साथ मिलकर काम करना होगा। यह अभियान दिल्ली के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस कार्यक्रम में भावुक अवसर तब देखने को मिला, जब ‘मां के नाम पेड़’ लगाकर भारत में कैमरून की राजदूत रोने लगी। मुख्यमेत्री रेखा गुप्ता ने उनकी आंखों में आंसू देख लिए और पास जाकर उन्हें ढांढस बंधाने लगी। मुख्यमंत्री को अपने पास देख राजदूत की आंखे और भीगने लगीं।
मुख्यमंत्री ने उन्हें गले लगाया तो राजदूत ने भरे गले से बताया कि 15 दिन पहले ही उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। भारत में मां के नाम पेड़ लगाते हुए उन्हें मां की याद आ गई थी। मुख्यमंत्री काफी देर तक राजदूत के करीब रहीं और उनसे देर तक बातचीत की और उनके मन को हलका किया। एक पेड़ मां के नाम के इस आयोजन में खाड़ी देशों के राजदूतों ने भी काफी रुचि दिखाई।

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