अमरदीप चौधरी हत्याकांड: भाभी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश, बाप-बेटे समेत चार गिरफ्तार

हरिद्वार { गहरी खोज }: कनखल के भाजयुमो और गुरुकुल के छात्र नेता अमरदीप चौधरी हत्याकांड में मुकदमा लड़ने वाली उसकी भाभी शैफाली चौधरी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। अमरदीप की हत्या में जमानत पर छूटे हर्षदीप चौधरी और उसके पिता राजकुमार चौधरी ने मेरठ से कुछ बदमाश बुलाकर रुड़की में शैफाली की हत्या की तैयारी की थी। इससे पहले ही पुलिस ने हथियारों समेत उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने रामनगर कोर्ट परिसर के पास बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से एक पिस्टल, दो तमंचे और 11 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। एक बदमाश मौके से फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस को सूचना मिली थी कि कोर्ट परिसर गेट नंबर 2 के पास एक सिल्वर रंग की स्विफ्ट कार में पांच लोग बैठे हैं, जिनके पास अवैध हथियार हैं और वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना पर वरिष्ठ उप निरीक्षक दीप कुमार के नेतृत्व में उपनिरीक्षक मुनव्वर हुसैन की टीम मौके पर पहुंची।
पुलिस टीम को देखते ही कार में बैठे पांचों युवक भागने लगे। पीछा कर पुलिस ने सबसे पहले मनीकांत शर्मा पुत्र श्यामसुंदर निवासी फिटकरी, थाना इंचौली, मेरठ को दबोचा। उसके पास से 315 बोर के दो जिंदा कारतूस और नकदी बरामद हुई। हर्षदीप मलिक पुत्र राजकुमार निवासी राहवती, थाना बहसूमा, मेरठ को पकड़ा गया। आरोपित के पास से 32 बोर की पिस्टल और चार कारतूस बरामद हुए।
तीसरे आरोपी राजकुमार पुत्र कालूराम सिंह निवासी राहवती, मेरठ के पास से 315 बोर के तीन जिंदा कारतूस मिले। चौथे आरोपी अनुज पुत्र रणवीर सिंह निवासी झिझाड़पुर, थाना फलावदा, मेरठ को माधोपुर अंडरपास से दबोचा गया। उसकी तलाशी में 315 बोर का तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे कोर्ट में चल रहे अपने हत्या के मामले की तारीख पर आए थे और उसी केस की वादी शैफाली को मारने की योजना बना रहे थे। आरोपियों ने अपने फरार साथी का नाम पवन कुमार पुत्र रमेश चंद्र निवासी बुवारा कला, मुजफ्फरनगर बताया।