दिल्ली पुलिस ने मनाया ‘गर्व का पर्व’: बहादुर नागरिक और पुलिसकर्मी हुए सम्मानित

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आदर्श ऑडिटोरियम में मंगलवार का दिन खास रहा। मंच पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा और तमाम आला अफसर मौजूद थे। सामने बैठे वे लोग, जिनके चेहरे पर अपने मोबाइल वापस मिलने की खुशी साफ झलक रही थी। मौका था दिल्ली पुलिस के ‘गर्व का पर्व’ का, जहां न सिर्फ चोरी या गुम हुए मोबाइल असली मालिकों को लौटाए गए बल्कि बहादुर नागरिकों और पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
इस साल दिल्ली पुलिस ने अब तक 6,432 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें से 3,589 पहले ही मालिकों को सौंप दिए गए। मंगलवार को 15 जिलों से आए लोगों को 1,559 मोबाइल लौटाए गए। इस मौके पर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि एक आम आदमी के लिए मोबाइल सिर्फ एक फोन नहीं होता, उसमें उसकी यादें, उसका काम और उसकी पूरी दुनिया छिपी होती है। ऐसे में जब पुलिस उसे वापस लौटाती है, तो यह भरोसे और उम्मीद को और मजबूत बनाता है।
कार्यक्रम में गुड समेरिटन्स को भी सम्मानित किया गया। उपराज्यपाल ने 13 बहादुर नागरिकों, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं, को शील्ड और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। ये वही लोग थे जिन्होंने कई मौकों पर अपराधियों का साहस के साथ सामना किया और पुलिस को उनकी गिरफ्तारी में मदद की। एलजी ने कहा, “ये नागरिक समाज के असली हीरो हैं। इनके साहस से हमें भी प्रेरणा मिलती है। उधर, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने कहा कि दिल्ली पुलिस का मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं है बल्कि नागरिकों का विश्वास जीतना भी है। चोरी या गुम हुआ मोबाइल जब किसी के हाथ में वापस आता है, तो उसकी आंखों की चमक हमारे लिए सबसे बड़ा इनाम है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस लगातार टेक्नॉलजी का इस्तेमाल बढ़ा रही है ताकि रिकवरी और तेज और पारदर्शी तरीके से हो सके।
इस दौरान 22 पुलिस अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने मोबाइल फोन रिकवरी में अहम भूमिका निभाई। विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) देवेन्द्र चंद्र श्रीवास्तव ने मोबाइल रिकवरी की पूरी प्रक्रिया और सीईआईआर (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) पोर्टल की अहमियत पर प्रजेंटेशन दिया। कार्यक्रम के अंत में संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) संजय जैन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि यह पहल आम आदमी को राहत पहुंचाने और पुलिस पर भरोसा मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।
हालांकि ‘गर्व का पर्व’ नाम के इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पुलिस और जनता के बीच भरोसा तभी मजबूत होता है जब संवेदनशीलता और सेवा दोनों साथ-साथ हों। चोरी हुआ मोबाइल वापस मिलने पर लोगों की आंखों में दिखी चमक ही इस अभियान की सबसे बड़ी जीत रही।