‘सादा संतुलित भोजनपान और नित ध्यान-योग से मिलती मोदी को निरंतर ऊर्जा’

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: संघर्ष और सक्रियता भरे जीवन के 75 वर्ष पूरे करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सेहत और अद्भुत कार्यक्षमता प्राय: चर्चा का विषय होती है और कहा जाता है कि आखिर वह इस उम्र भी कैसे रोजाना 16 से 18 घंटे काम कर लेते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तक ने अपनी किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ में श्री मोदी के परिश्रम की सराहना की है और लिखा है कि मोदी ने अपना मुकाम अपनी मेहनत से हासिल किया है। श्री मोदी की बुधवार को 75वीं वर्षगांठ है।
एक साधारण परिवार में जन्मे श्री मोदी वर्ष 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने और 2014 तक वह पद संभाला। वर्ष आम चुनाव में उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन की जीत पर उन्होंने प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में हर दिन बैठकों, देश-विदेश की यात्राओं और अन्य कार्यक्रमों के बावजूद उनके मुख पर कभी थकान का भाव नहीं झलकता।
मोदी स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर बेहद सचेत हैं। यह बात वह मीडिया पर चर्चाओं में खुद कई बार कह चुके हैं। वह औरों को, खास कर युवाओं को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने को प्रेरित करते रहते हैं। देश में युवावर्ग में मोटापे की समस्या के खिलाफ उनके द्वारा प्रेरित अभियान इसका एक उल्लेखनीय उदारहण है। उनके प्रयास से योग आज अंतरराष्ट्रीय अभियान बन गया है।
शुद्ध शाकाहारी और नवरात्र का उपवास रखने वाले श्री मोदी मूलमंत्र योग के साथ वर्क-आउट और खान-पान पर विषेष ध्यान देते हैं। यही वहज है कि सुबह जल्दी उठने और देर रात तक काम करते हरने के बवाजजूद उनकी ऊर्जा बनी रहती है।
उनकी स्वयं की चर्चाओं और प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार श्री मोदी रात में तीन से चार घंटे ही सोते हैं। दिन भर काम और सार्वजनिक जीवन की चुनौतियों के बीच वह हर पल खुद को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करते हैं। ध्यान और आत्मचिंतन करने की आदत उन्हें मानसिक रूस से मजबूत बनाती हैं।
प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि उनका भोजन पान साधारण है। वह साल में साल में 300 दिन कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन और फाइबर से युक्त मखाना (फॉक्स नट्स) जरूर खाते हैं। अधिकतर उबला और हल्का खाना ही उन्हें पसंद है। वह तले हुये और मसालेदार भोजन लेने से गुरेज करते हैं। वह शरीर में पानी का संतुलन बनाये रखने पर विशेष ध्यान देते हैं और दिन भर पर्याप्त मात्रा में पेयजल लेते हैं। इसके साथ ही वह जितना संभव हो खुद को तकनीक से दूर रख कर मानसिक विश्राम लेते हैं।
प्रधानमंत्री का कहना है कि उनका जीवन एक मिशन की तरह है और जब किसी के जीवन में उद्देश्य होता है, तो ऊर्जा स्वत: बनी रहती है। कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहने की कला उनके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है।
श्री मोदी सुबह नौ बजे से पहले नाश्ता कर लेते हैं और इसमें वह हरी सब्जियां, मौसमी फल और साबुत अनाज का वह सेवन करते है। उन्हें नाश्ते में पोहा लेना पसंद है। उन्हें डोकला बेहद पसंद हैं और रात के भोजन में खिचड़ी का स्थान सबसे ऊपर है। वह सेव-टमाटर की करी और अजवाइन और हिंग मिलाकर बनी चपाती भी पंसद करते हैं।
श्री मोदी को खाने के बाद दही, मीठा , इलायची और सूखे फल से तैयार श्रीखंड भी पसंद है। टमाटर-आधारित करी पर ऊपर से सेव की कुरकुराहट सेव-टमाटर को उन्होंने बैठकों के मेन मेन्यू में शामिल करवाया है। मिष्ठानों में श्री मोदी मारवाड़ी पुलाव को बड़े चाव से खाते हैं। उनके लिए प्यूरी दही, काजू और अनार के साथ रिच राजस्थानी पुलाव पूर्णाहार है। इसके साथ ही वह रवा मसाला डोसा को खाना बेहद पसंद करते हैं। पारंपरिक साउथ इंडियन डोसा, मसालेदार और सुपाच्य भोज्य पदार्थ भी उनकी पसंद हैं। बिहार के लोगों की पंसदीदा लिट्टी और चोखा की अक्सर चर्चा होती हैं। श्री मोदी ने एक अवसर पर दिल्ली के हुनर हाट में बड़े चाव से इसका आनंद उठाया था।
श्री मोदी अपराह्न में सादा भोजना लेना पसंद करते है। उनके भोजन की थाली में मोरिंगा (सहजन) का पराठा हमेशा रहता है। इस पराठे में विटामिन सी, पौटेशियम, बीटा-कैरोटिन, प्रोटीन से भरपूर पोषक तत्व होते है।

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