बिजेंद्र हत्याकांड पर एन-एच जाम करने का प्रयास, पुलिस ने खदेड़ा

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पलवल{ गहरी खोज }: बिजेंद्र सिंह हत्याकांड के बाद मंगलवार को परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों लोग सिविल अस्पताल में जमा होकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। भीड़ ने नेशनल हाईवे-19 को जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद परिजन अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए और साफ कहा कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते, तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, 2005 में चुनावी झगड़े के दौरान तुषार और दीपांशु के पिता पप्पू की फरसा लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में बिजेंद्र को 2011 में सात साल की सजा सुनाई गई थी। 2018 में जेल से बाहर आने के बाद से वह खेतीबाड़ी कर जीवन यापन कर रहा था। परिजनों का कहना है कि इसी पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए तुषार और दीपांशु ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजेंद्र पर हमला किया।
मृतक की पत्नी श्यामवती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पति के साथ खेत से चारा लेकर लौट रही थीं। इसी दौरान गांव के 18 आरोपी हथियारों से लैस होकर पहुंचे और गोलियां बरसा दीं। बिजेंद्र को पांच से छह गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। बीच-बचाव करने पर महिला से मारपीट भी की गई। आरोप है कि इसके बाद हमलावर घर में घुस गए और बेटे सचिन पर भी गोली चला दी, जो घायल हो गया।
कैंप थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल ने बताया कि श्यामवती की शिकायत पर दीपांशु, तुषार, कुलदीप समेत 18 लोगों के खिलाफ हत्या सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। डीएसपी नरेंद्र खटाना ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीआईए की चार टीमें गठित की गई हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।

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