आरटीओ कार्यालय के सभी अधिकारी व कर्मचारी ईमानदारी से करें कार्य नहीं तो होगी कार्रवाई : डीएम

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कानपुर{ गहरी खोज }: सर्वोदय नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में मंगलवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के पहुँचते ही हड़कम्प मच गया। डीएम जैसे ही गेट से अंदर पहुँचे, कई लोग इधर-उधर भागते नज़र आए और कुछ ही देर में कार्यालय परिसर में अवकाश सरीखा सन्नाटा छा गया। उन्होंने इस पर नाराज़गी जताई और तुरंत अभिलेखों की जाँच शुरू कर दी। इस दौरान सात कार्मिक अनुपस्थित मिले। अनुपस्थित कार्मिकों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए हैं।
डीएम ने आवेदक अरविंद गौड़ से जिलाधिकारी ने मोबाइल पर बातचीत की। गौड़ ने बताया कि ई-रिक्शा की डुप्लीकेट आरसी की प्रति दिलाने के लिए उसने एक प्राइवेट व्यक्ति को 2000 रुपये दिए थे। जबकि निर्धारित शुल्क 500 रुपये है। जिलाधिकारी ने आवेदक से सम्बंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर लिया और उससे सीधे बात की। शुरुआत में उस व्यक्ति ने इनकार किया लेकिन जिलाधिकारी की सख़्ती पर अंततः उसने राशि लेने की बात स्वीकार की। इस पर जिलाधिकारी ने डीटीसी को पूरे मामले की विस्तृत जाँच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उपस्थिति पंजिका की जाँच करने के दौरान सात कर्मचारी मधुबन मिश्रा, कमरूल इस्लाम, प्रीति तोमर, ऋषभ कुमार, शुभम सिंह, रतना यादव और चपरासी दिनेश कुशवाहा अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने सभी का एक दिन का वेतन रोकने तथा भविष्य में दोहराव होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
यह भी पता चला कि सोमवार को लगभग 300 लोग स्थायी लाइसेंस और नवीनीकरण सहित विभिन्न कार्यों के लिए कार्यालय पहुँचे थे। जिलाधिकारी ने विभिन्न पटलों का जायजा लिया। जहां कुछ प्रकरण लम्बित पाए गए। इस पर उन्होंने अधिकारियों को सख़्त निर्देश दिए कि सभी लम्बित मामलों का समयबद्ध निस्तारण हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने अपर नगर मजिस्ट्रेट-6 आलोक गुप्ता को आरटीओ कार्यालय के कार्यप्रणाली की निगरानी करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का जिम्मा सौंपा है। साथ ही एआरटीओ (प्रशासन) आलोक कुमार को परिसर में स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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