झारखंड के मुख्यमंत्री ने 301 शिक्षकों को सौंपे नियुक्ति पत्र

रांची{ गहरी खोज }: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित कराई गई नियुक्ति परीक्षा में सफल 301 सहायक आचार्यों (शिक्षकों) को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनमें गणित और विज्ञान के 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य तथा कक्षा पहली से पांचवीं तक के लिए 170 इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में आयोजित समारोह में कुल 301 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इनमें गणित और विज्ञान के 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य तथा कक्षा पहली से पांचवीं तक के लिए 170 इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी नव-नियुक्त सहायक आचार्यों को बधाई दी और उनसे कहा कि आप सभी को सरकारी स्कूलों को चलाने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। यहां कई चुनौतियां हैं। एक तरफ सरकारी व्यवस्था, दूसरी तरफ निजी विद्यालय। आप सभी नव नियुक्त सहायक आचार्य शिक्षा की रीढ़ की हड्डी बने, इसलिए आप सभी का चयन किया गया है। राज्य में और 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि जिस कार्य के लिए आपको पारिश्रमिक मिलेगा वह पैसा आम लोगों का है। आम जनता द्वारा भुगतान किए गए टैक्स के पैसे से आपको तनख्वाह दी जाएगी। आने वाले समय में आपका प्रमोशन भी होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी चीज को पाने की इच्छा रखते हैं, तो हमें कुछ देने की भी कोशिश करना नितांत आवश्यक है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप सभी अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर ढंग से करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय’ की शुरुआत होने के बाद कई अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूल में करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए भी हो रहा है, क्योंकि निजी स्कूलों में पैसे देने की स्थिति उनकी नहीं है, साथ ही हम लोगों ने गुणवत्तापूर्वक उत्कृष्ट विद्यालय प्रारंभ किये है। हालांकि मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में अभी और बेहतर चीजों को समाहित करने की आवश्यकता है। निश्चित रूप से इस प्रक्रिया को बहुत जल्द पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर कदम उठा रही है। प्राथमिक, माध्यमिक, डिग्री आधारित, इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमारी सरकार बेहतर कार्य कर रही है और हमारी आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सकारात्मक दिशा देने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व कितना है, इससे हम सभी भली भांति वाकिफ हैं। हमारे पूर्वज और कई माता-पिता ऐसे हैं, जिन्होंने पढ़ाई नहीं की, लेकिन जीवन में वे काफी व्यावहारिक रहे हैं, उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर अपने इर्द-गिर्द के सभी चीजों को संजोया है, उस समय की शिक्षा पद्धति कुछ और थी। पूर्व के समय से ही बौद्धिक विकास अलग-अलग माध्यमों से होता रहा है और वर्तमान में हमारे बच्चों के बौद्धिक विकास का रास्ता शिक्षा के माध्यम से होकर जाता है, जो पहले से बिल्कुल अलग है और इसमें लगातार नए आयाम जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिक्षा के क्षेत्र में कमियां रहेंगी, तो इसका परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ी को भुगतना होगा। इसीलिए आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। अपने पेट का अनाज कम कर के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का उदाहरण अपनी नजरों से हम सभी देखते हैं और महसूस भी करते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की ओर से इससे पूर्व भी बड़ी संख्या में सहायक आचार्य को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है।