हार्ट ब्लॉकेज होने पर दिखते हैं ये लक्षण, कैसे पता करें आर्टरी में जमने लगा है गंदा कोलेस्ट्रॉल और प्लाक

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: खराब हो रही लाइफस्टाइल का खामियाजा आज की युवा पीढ़ी भुगत रही है। युवाओं के शरीर में ऐसी बीमारियां पनप रही हैं जो कभी उम्र बढ़ने पर हुआ करती थीं। पिछले कुछ सालों में 30-35 साल के लोगों में हार्ट अटैक, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां तेजी से अटैक कर रही हैं। इसका बड़ा कारण खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को माना जा रहा है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट की मानें तो हार्ट अटैक से जुड़े मामलों में देखा गया है कि युवाओं की आर्टरीज में ब्लॉकेज के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसका कारण लाइफस्टाइल, मोटापा और जेनेटिक माना जा रहा है। हालांकि आर्टरी ब्लॉकेज से पहले शरीर कुछ संकेत देने लगता है। इन लक्षणों पर हर किसी को ध्यान देना चाहिए। जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे से खुद को बचाया जा सके।
आर्टरी में ब्लॉकेज क्यों होती है?
आर्टरीज हमारे दिल से खून को शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। अगर आर्टरीज में फैट, कोलेस्ट्रॉल या कुछ दूसरे तत्व जमा होने लगें तो प्लाक बना लेते हैं जिससे खून का बहाव रुकता है और ऐसी स्थिति में दिल पर काफी दबाव पड़ता है। पहले उम्र बढ़ने पर ऐसी समस्या देखी जाती थी। लेकिन अब युवाओं में ही आर्टरी ब्लॉकेज की समस्या होने लगी है। इसका बड़ा कारण जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, स्ट्रेस, धूम्रपान, वेपिंग बढ़ना और फिजिकल एक्टिविटी कम होना है। लंबे समय तक बैठे रहने से मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है जो हार्ट के लिए ठीक नहीं है।
दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण
इस तेजी से बढ़ रहे खतरे का अहसास अभी भी युवाओं को नहीं हो रहा है। यही वजह है कि टीनेजर्स न तो अपनी लाइफस्टाइल में सुधार ला रहे हैं और न ही दिल की बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से ले रहे हैं। जो आगे चलकर गंभीर हार्ट डिजीज का कारण बन सकते हैं।
बिना कारण सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
जरा सा काम करने से बाद थकान या सांस फूलना
दिल की धड़कन तेज होना या अनियमित होना
बार-बार चक्कर आना या बेहोश होना
पेट या सीने में दबाव जैसा महसूस होना
आर्टरी ब्लॉकेज का पता कैसे लगाएं?
आर्टरी ब्लॉकेज का पता काफी जल्दी लगाया जा सकता है। ऐसे कई मेडिकल टेस्ट हैं जिससे आर्टरीज में हो रही ब्लॉकेज का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर्स ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी, ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्टिंग, सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी या लिपिड प्रोफाइलिंग जैसे टेस्ट कराते हैं। इससे आर्टरीज में कितनी ब्लॉकेज है इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।
हार्ट अटैक से कैसे बचें?
युवाओं को दिल की बीमारियों को दूर रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए रोजाना कुछ देर व्यायाम जरूर करें। लाइफस्टाइल में सुधार लाएं। खाने में ज्यादा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन लें। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और चीनी एकदम कम कर दें। धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी बनाए रखें। कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें। समय-समय पर हार्ट की जांच करवाते रहें।