लिम्फोमा कैंसर होने पर गले में दिखने लगते हैं ये गंभीर संकेत, एक्सपर्ट से जानें क्या संभव है इसका इलाज ?

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: लिम्फोमा कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की लसिका ग्रंथियों से शुरू होती है। बता दें, लसिका ग्रंथियां हमारे इम्यून सिस्टम का अहम हिस्सा हैं और संक्रमणों, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ती हैं। पीएसआरआई हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार, हेमेटोलॉजिस्ट एवं ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. अमित उपाध्याय कहते हैं कि जब इन ग्रंथियों में असामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं, तब लिम्फोमा कैंसर की समस्या हो सकती है। चलिए जानते हैं लिम्फोमा कैंसर का इलाज़ संभव है या नहीं?

गले में लिम्फोमा कैंसर होने पर दिखते हैं ये संकेत
गले में सूजन: गले में लिम्फोमा कैंसर होने पर गले में लगातार सूजन की समस्या रहती है।

गले में दर्द: कई मरीजों को गले में दर्द, निगलने में तकलीफ होती हैं

लगातार खांसी: कई मरीजों को लगातार खांसी या सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गले में गांठ: कई मरीजों को गले में गांठ दिखाई देती है जो समय के साथ बढ़ सकती है। यह गांठ आमतौर पर दर्द रहित होती है, लेकिन यह लिम्फोमा कैंसर का संकेत हो सकता है।

यानी गले में लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन, लगातार थकान, रात को अधिक पसीना आना, बार-बार बुखार होना या अचानक वजन कम होना जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। ये संकेत लिम्फोमा कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं और इन पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

कितने प्रकार का होता लिम्फोमा कैंसर?
लिम्फोमा कैंसर दो प्रकार का होता है, हॉजकिन लिम्फोमा और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा। दोनों ही स्थितियों में शुरुआती पहचान और सही इलाज बेहद जरूरी है। अगर इसे समय पर पहचान लिया जाए, तो उपचार की संभावना अधिक होती है।

क्या है इलाज की प्रक्रिया?
इलाज के विकल्प में मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और कुछ मामलों में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट शामिल होते हैं। न्यू मेडिकल प्रैक्टिस की वजह से अब मरीजों के ठीक होने की संभावना पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गई है। बहुत से मरीज सही समय पर इलाज मिलने पर पूरी तरह स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

मरीज और उनके परिवार को यह समझना चाहिए कि लिम्फोमा कैंसर का इलाज लंबी प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह असंभव नहीं है। उपचार के दौरान मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता, उम्र और बीमारी के स्टेज को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत इलाज की योजना बनाई जाती है। यानी लिम्फोमा कैंसर का इलाज संभव है, बशर्ते समय पर पहचान और विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में सही इलाज किया जाए।

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