पारदर्शी मूल्यांकन के माध्यम से मजबूत बनेगा लोकतंत्र : विजेंद्र गुप्ता

बेंगलुरु{ गहरी खोज }: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पारदर्शी मूल्यांकन के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत बनेगा और नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स राज्य विधानसभाओं के लिए एक मानक साबित होगा। विजेंद्र गुप्ता शनिवार को 11वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कर्नाटक के बेंगलुरु में 11 से 13 सितंबर तक आयोजित इस सम्मेलन का विषय ‘विधायी संस्थाओं में संवाद एवं चर्चा: जनविश्वास का आधार, जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम’ था। गुप्ता ने कहा कि नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स लोकतांत्रिक शासन को मजबूत करने के लिए एक पारदर्शी और डेटा-आधारित उपकरण है। यह न केवल विधान संस्थाओं की उत्पादकता और गुणवत्ता को मापता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रदर्शन में प्रगति और कमियों की पहचान भी करता है। राज्य विधानसभाओं के बीच तुलना से यह स्वस्थ प्रतियोगिता को बढ़ावा देगा, श्रेष्ठ प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा और आवश्यक सुधारों की दिशा में प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि जहां स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक शासन के लिए राज्य स्तर पर विभिन्न मापदंड उपलब्ध हैं, वहीं अब तक विधानसभाओं के कार्यों और प्रभावशीलता को मापने का कोई समग्र तंत्र नहीं था। नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स इस महत्वपूर्ण कमी को पूरा करेगा।
गुप्ता ने कहा कि विधायी गुणवत्ता का सीधा असर कानून निर्माण, कार्यपालिका की जवाबदेही, सार्वजनिक हितों की रक्षा और नागरिक सहभागिता पर पड़ता है। एक ऐसी विधानसभा जो रचनात्मक बहस करती है, प्रभावी प्रश्न उठाती है और ठोस शोध पर आधारित कानून बनाती है, वही लोकतंत्र को सुदृढ़ करती है और शासन को जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप बनाती है।
विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ऐसे प्रयासों का समर्थन करती है, जो विकसित भारत 2047 की दृष्टि के अनुरूप हैं और विधानसभाओं को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और जनकेंद्रित बनाते हैं। गुप्ता ने कहा कि नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स की शुरुआत जनता के विश्वास को बढ़ाएगा, संसदीय परंपराओं को सशक्त करेगा और राज्य विधानसभाओं को भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।