वर्ष 2040 तक हिमाचल को क्लाइमेट-पॉजिटिव राज्य बनाने का लक्ष्य: विक्रमादित्य सिंह

शिमला{ गहरी खोज }: हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2040 तक जलवायु के अनुकूल और क्लाइमेट-पॉजिटिव राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह बात लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को केरल के कोच्चि में आयोजित केरल अर्बन कॉन्कलेव में कही। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर एक मजबूत और स्थायी विकास मॉडल तैयार कर रही है। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और केरल के मुख्यमंत्री पिणराई विजयन भी उपस्थित थे।
विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शहरी विकास का एक विशेष मॉडल साझा किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों को तेजी से हो रहे शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सतत और संतुलित विकास की दिशा में ठोस कदम उठाना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि ‘कल के पहाड़’ विजन के तहत हिमाचल सरकार ने जलवायु अनुकूल शहरी विकास की योजना तैयार की है। इसके अंतर्गत क्लाइमेट इंटेलिजेंस नेटवर्क की स्थापना, ढलानों की जैव इंजीनियरिंग से सुरक्षा, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक झरनों का पुनर्जीवन और आधुनिक जल प्रबंधन जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में प्रदेश का औसत तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है। वर्ष 2023 और 2025 में अत्यधिक वर्षा के कारण आई आपदाएं यह संकेत देती हैं कि जलवायु के प्रति सजग रहना अब आवश्यकता बन गई है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये के हिमाचल ग्रीन डवेलपमेंट फंड की स्थापना की है। इसके साथ ही कार्बन क्रेडिट से वार्षिक आय और पर्यटन आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। राज्य ने 2400 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर 100 प्रतिशत नवीकरणीय बिजली उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रबंधन, इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन, कचरा पुनर्चक्रण और केवल कार जैसी पहलों ने शहरी जीवन को पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार मंदिरों, वनों और पारंपरिक शिल्पकला के संरक्षण के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल को वर्ष 2040 तक क्लाइमेट-पॉजिटिव राज्य बनाने और वर्ष 2047 तक इसे विश्व का अग्रणी पर्वतीय विकास मॉडल बनाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमालय हमें धैर्य और संतुलन की प्रेरणा देता है और इन मूल्यों के साथ ही हम भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित, समृद्ध और पर्यावरण के अनुकूल हिमाचल बना सकते हैं।