वडोदरा के गफूरभाई भट्टी को मिला ‘सर्वश्रेष्ठ मत्स्यपालक’ का राष्ट्रीय सम्मान

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी, 20 वर्षों के अनुभव से गढ़ी सफलता की नई मिसाल
वडोदरा { गहरी खोज } : वडोदरा जिले के धनोरा जलाशय के ठेकेदार और मत्स्यपालक गफूरभाई भट्टी को कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय मछुआरा दिवस कार्यक्रम में ‘सर्वश्रेष्ठ मत्स्यपालक’ के रूप में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर द्वारा अंतर्देशीय मत्स्य पालन श्रेणी में प्रदान किया गया।
49 वर्षीय गफूरभाई, मूल रूप से भरूच के निवासी हैं, परंतु वडोदरा में पिछले दो दशकों से मत्स्य पालन का सफल व्यवसाय कर रहे हैं। वे 194 हेक्टेयर के धनोरा जलाशय का प्रबंधन करते हैं और भारतीय मेजर कार्प जैसी मछलियों का वैज्ञानिक प्रजनन कर उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन सुनिश्चित करते हैं। उनकी मेहनत के परिणामस्वरूप मछलियों की जीवित रहने की दर ऊँची रही है और उत्पादन भी अपेक्षा से अधिक मिला है।पर्यटन स्थल
गफूरभाई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी हैं। इस योजना के अंतर्गत उन्हें लाइव फिश वेंडिंग वैन, एफआरपी और टिन की नावें जैसी आधुनिक सुविधाएँ मिलीं, जिनसे उनका व्यवसाय अधिक कुशल और लाभकारी हो गया है। लाइव फिश वैन की मदद से वे सीधे ग्राहकों तक ताज़ी और जीवित मछलियाँ पहुँचा पा रहे हैं, जिनकी बाजार में काफी माँग है।
मत्स्य विभाग, वडोदरा के सहायक निदेशक रमेश कुमार सखरेलिया ने कहा कि गफूरभाई का यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि गुजरात राज्य के लिए भी गर्व का क्षण है। उन्होंने स्थानीय मछुआरों को आजीविका दी है और मत्स्य उद्योग को टिकाऊ बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से प्रेरित होकर गफूरभाई जैसे कई मत्स्यपालक ‘हरित क्रांति’ की राह पर अग्रसर हो रहे हैं, जिससे कृषि और मत्स्य क्षेत्र में समृद्धि का नया अध्याय जुड़ रहा है।

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