सीएम आवास के पास हफ्ते भर में चौथी आत्महत्या की वारदात!

यूपी भर से यहां पहुंच रहे पीड़ित, कभी आत्मदाह तो कभी खा रहे जहर
लखनऊ{ गहरी खोज }: यूपी में अधिकारियों की लापरवाही, अनदेखी और पीड़ितों की शिकायत अनसुनी करने के कारण लगातार सीएम आवास के पास पहुंचकर पीड़ित आत्महत्या करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वह मजबूर हो रहे हैं। सितंबर माह की शुरआत से ही,पहले हरदोई,फिर हरियाणा से आई सिंगर,अलीगढ़ से आये युवक ने आत्महत्या के कोशिश की। अलीगढ़ से आये युवक द्वारा आत्मदाह करने से उसके शरीर का अस्सी फीसदी हिस्सा जल भी गया। उसका ईलाज अभी जारी ही था,कि बलरामपुर से आये एक युवक ने बिजली विभाग पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जहर खा लिया। उससे अस्पताल ले जाया गया। हलांकि ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे पूर्व बीते 21 अगस्त को सेना का जवान सीएम के जनता दरबार में जहर खाकर पहुँच गया था।
गुरूवार सीएम आवास से 100 कदम दूर एक युवक ने जहर खा लिया। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। वह शुक्रवार सुबह 9:20 बजे लामार्ट्स चौराहे पर पहुंचा। पुलिस को चिल्लाकर बताया कि उसने जहर खा लिया है। पुलिसकर्मी युवक को लड़खड़ाता देखकर घबरा गए। उसे तुरंत सिविल हॉस्पिटल ले गए। वहां उसे एडमिट कराया। डॉक्टरों ने उसका ईलाज शुरू किया। ढाई घंटे बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान बुलंदशहर के ततारपुर के रहने वाले अजय के रूप में हुई। मरने से पहले अजय ने पुलिस को बताया था कि वह बिजली विभाग के अधिकारियों से परेशान है। वहीं, उसके बेटे ने बताया है कि विभाग ने पिता पर मुकदमा करा दिया था। पत्नी ने कहा है कि एक हफ्ते ही जहर खरीद लिया था। तब भी खाने वाले थे। पुलिस ने समझाया था।
पुलिस के मुताबिक, अजय ने पूछताछ में बताया था- 2014 में आटा चक्की लगाई थी। कुछ महीने पहले ट्रांसफॉर्मर फुंक गया। उसने विभाग से शिकायत की तो ट्रांसफॉर्मर बदलवा दिया, लेकिन नया ट्रांसफॉर्मर भी एक घंटा भी नहीं चल पाया। दोबारा ट्रांसफॉर्मर जल गया तो बिजली विभाग के अफसरों ने अब तक ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला। वह बार-बार विभाग के चक्कर काट रहा। इसके बावजूद उसका काम नहीं हो पा रहा। विभाग के कर्मचारी उससे खर्चा मांग रहे। बिजली विभाग के अफसर ट्रांसफॉर्मर ठीक कराने के लिए के लिए 70फीसद खर्चा मांग रहे।
बिजली विभाग की तरफ से एक एस्टीमेट बनाया गया, जिसमें मुझसे कहा गया कि ट्रांसफॉर्मर ठीक करने का 70 फीसद भुगतान आपको करना होगा, तभी नया ट्रांसफॉर्मर लग पाएगा। इससे आहत होकर शुक्रवार सुबह मैं सीएम से जनता दरबार में मिलने के लिए लखनऊ आया। बुलंदशहर के विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार पांडेय ने कहा है कि मामले की जांच कराई जा रही है। यह उपभोक्ता मुझसे सीधे कभी नहीं मिला। विभाग यह पता लगा रहा है कि किस अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही से ट्रांसफॉर्मर की समस्या हल नहीं हुई। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बुलंदशहर में अजय के बेटे मोहित ने बताया, वह गाजियाबाद में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है और घर का खर्च चलाता है। ट्रांसफॉर्मर खराब होने के बाद बिजली विभाग ने उन पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया। यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। पत्नी अनीता ने बताया, वह हम लोगों से 6 साल से अलग रह रहे थे। अपनी चक्की चलाते थे। सोमवार दोपहर अचानक घर से बिना बताए चले गए थे। जाने से पहले उन्होंने अपना मोबाइल फोन ईंट से तोड़ दिया था।
परिवार को नहीं पता था कि वे कहां गए। करीब एक हफ्ते पहले उन्होंने जहर खरीदा था। गांव में एक विवाद के दौरान पुलिस के सामने भी उन्होंने जहर दिखाते हुए इसे खाने की धमकी दी थी, लेकिन पुलिस ने दो घंटे तक समझाकर मामला शांत कराया था। शुक्रवार दोपहर जब प्रशासनिक अधिकारी घर पहुंचे तो उन्हें सूचना मिली कि अजय शर्मा ने लखनऊ में जहर खाकर आत्महत्या कर ली है।