दवा लॉबी नहीं चाहती कि लोग एक्सरसाइज से ठीक होंः फिजियोथेरेपिस्ट संघ

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: फिजियोथेरेपिस्ट के नाम के आगे डॉक्टर लगाने के विवाद पर भारतीय फिजियोथेरेपिस्ट संघ ने आपत्ति जताते हुए इसके लिए दवा लॉबी को जिम्मेदार ठहराया है। संघ ने कहा है कि फिजियोथेरेपिस्ट के नाम के आगे डॉक्टर लगाने का फैसला नेशनल कमीशन फार एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन( एनसीएएचपी) का है जिसका गठन संसद द्वारा किया गया है। ऐसे में नेशनल मेडिकल कमिशन, दिल्ली स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीजीएचएस), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आपत्ति जताना समझ से परे है।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय फिजियोथेरेपिस्ट संघ के अध्यक्ष डॉ. संजीव झा ने कहा कि नाम के आगे डॉक्टर लगाने का फैसला नेशनल कमीशन फार एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन का है। इस आयोग का गठन 2021 में हुआ था और यह फैसला 2023 में लिया गया है। हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने एक आदेश में फिजियोथेरेपिस्ट के नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगाने की बात कही। जो कि गलत फैसला था। भारतीय फिजियोथेरेपिस्ट संघ ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई जिसके कारण 24 घंटे के अंदर डीजीएचएस को आदेश वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि डीजीएचएस के पास इस संबंध में कोई अधिकार नहीं है। आयोग ने जब फिजियोथेेरेपिस्ट को नाम के आगे डॉक्टर लगाने का अधिकार दिया है तो आईएमए हो या फिर दूसरी संस्था उसके पास आदेश निकालने का कोई अधिकार नहीं है।
डॉ. झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय मंत्री चाहते हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं में विकास हो लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते हैं ऐसा हो। दवा कंपनियों की लॉबी हो या फिर सर्जरी के संयंत्रों बनाने वालों की लॉबी हो, ये लोग नहीं चाहते कि लोग सिर्फ एक्सरसाइज से ठीक हो जाएं। कुछ लॉबी देश को पीछे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के लोगों से सवाल करते हुए कहा कि देश में लाखों झोला छाप डॉक्टर घूम रहे हैं लेकिन उन्हें फिजियोथेरेपिस्ट ही दिखाई देते हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं में सभी विभागों के लोगों के साथा कंधे से कंधे मिलाकर चल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने 9 सितंबर को आदेश दिया था कि फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे डाक्टर नहीं लगा सकते हैं। इस आदेश के 24 घंटे के अंदर 10 सितंबर को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने अपना आदेश वापस ले लिया है। अब फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे डाक्टर लगा सकते हैं। नेशनल कमीशन फार एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन ने इसकी पुष्टि कर दी है।