सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में शपथ ली

0
f0e9f20ab3d78442dbe7a9c124c20f01

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। शपथ ग्रहण के बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सदैव अटल जाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय और किसान घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी नमन किया। संसद भवन परिसर में उन्होंने प्रेरणा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ एक पौधा भी रोपा और देश की समृद्ध विरासत तथा सतत भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद राधाकृष्णन राज्यसभा के सभापति के कार्यालय गए और उच्च सदन के पीठासीन अधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी के साथ पहुंचे। धनखड़ 21 जुलाई को इस्तीफे के बाद आज पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए।
कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत करते हुए वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने से पहले राधाकृष्णन का एक वस्त्र निर्यातक के रूप में एक लंबा और सफल करियर रहा।वर्ष 1996 में राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वस्त्र मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे।
वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे। इसके अतिरिक्त वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे। वर्ष 2004 में राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। वर्ष 2004 से 2007 के बीच राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19 हजार किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली। यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों की समस्या से निपटने जैसी उनकी मांगों को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो अतिरिक्त पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया। वर्ष 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उनके नेतृत्व में भारत का नारियल रेशा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।
2020 से 2022 तक, वे केरल के लिए भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। 18 फ़रवरी 2023 को राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने पहले चार महीनों के कार्यकाल में उन्होंने राज्य के सभी 24 ज़िलों का दौरा किया और नागरिकों एवं ज़िला अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला। महाराष्ट्र के राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद से राधाकृष्णन ने राज्यभर में व्यापक यात्राएं कीं और जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत की है। राधाकृष्णन खेलों में भी सक्रिय रहे हैं। कॉलेज के दिनों में वे टेबल टेनिस के चैम्पियन और लंबी दूरी के धावक रहे। उन्होंने क्रिकेट और वॉलीबॉल में भी रुचि दिखाई। विदेश यात्राओं के दौरान उन्होंने एशिया, यूरोप और अमेरिका के कई देशों का दौरा किया। राधाकृष्णन का विवाह 25 नवंबर 1985 को सुमति आर. से हुआ। उनके एक पुत्र एवं एक पुत्री है। उन्होंने जनजातीय कल्याण और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी विशेष पहल की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *